गैर सरकारी संगठन ने खोल दी सरकार की नशा मुक्ति मुहिम की पोल

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कहां: नशा बेचने बालों पर अंकुश लगाना सराहनीय कदम परंतु नशे से ग्रस्त लोगों के पुनर्वास का करें प्रयास

 

लुधियाना  6 मार्च : 2 दिन पहले प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग में गैर सरकारी संगठन के प्रमुख पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार द्वारा नशा बेचने वालों के विरुद्ध की जा रही करवाई सराहनीय है परंतु नशे से ग्रस्त हो चुके लोगों पुनर्वास के लिए उचित कदम उठाए जाने की जरूरत है इस मीटिंग में तीन एसडीएम व अन्य अधिकारी उपस्थित थे मीटिंग लोगों को नशा मुक्ति मुहिम में सहयोग और जागरूकता के लिए आयोजित की गई थी मीटिंग में बोलते हुए डॉक्टर कोटनीस एक्यूपंक्चर अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर इंद्रजीत सिंह ढींगरा ने कहा कि वह इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को भी जनवरी माह में पत्र लिख चुके हैं नशा मुक्ति के लिए अपना सहयोग देने के लिए कह चुके हैं

 

 

युवतिया भी करने लगी है नशा

 

 

उन्होंने कहा का पंजाब की युवा पीढ़ी को सिंथेटिक नशो से बचाने के लिए व्यापक मुहिम चलाने की जरूरत है पंजाब की पिछली सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया और नशे से जुड़ी समस्या बढ़ती जा रही है. पंजाब की नशे से प्रभावित युवा पीढ़ी को इस दलदल से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत है ताकि नशे से बर्बाद हो रहे परिवारों और युवाओं की असामयिक मौतों को रोका जा सके। यहां यह भी बताया जाना आवश्यक है कि चिट्टे का नशा पंजाब की युवा पीढ़ी को नपुंसक बना रहा है, क्योंकि सिंपैथिक ड्रग्स के प्रभाव से राज्य के हजारों गरीब परिवार बर्बाद हो रहे हैं, जो राज्य के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, यहां तक ​​कि राज्य की लड़कियां भी पूरी तरह से ड्रग्स (चिट्टा) लेने की आदी हो गई हैं, इसलिए इस संकट पर काबू पाना और भी जरूरी होगा

 

केंद्र और राज्य सरकार की नशा मुक्ति नितियो में अंतर

 

नशे की लत को रोकने के लिए सरकार ने नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना के लिए कुछ नियम बनाए, जो भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे मुफ्त नशा मुक्ति केंद्रों से बिल्कुल अलग थे, जिसके कारण कई केंद्र बंद हो गए  निजी नशा मुक्ति केंद्रों की लूट बढ़ गई। राज्य सरकार ने हर नशा मुक्ति केंद्र में मनोचिकित्सक  की नियुक्ति को जरूरी कर दिया सरकार की सहायता से चलाये जा रहे नशा मुक्ति केदो को समय पर फंड नहीं मिले और वह बंद हो गए निजी नशा मुक्ति सेंट्रो में उपचार महंगा हो गया सरकारी नशा मुक्ति केदो की हालत काफी खराब है और वहां मरीज नहीं जा रहे

पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए ओएसटी और ओओएटी केंद्र खोले हैं, जिनमें मुफ्त दवा दी जा रही है, लेकिन ये केंद्र नशा छोड़ने के लिए नहीं हैं, यह चिट्टे का विकल्प जरूर हैं, लेकिन इन केंद्रों में युवाओं की संख्या बढ़ रही है और सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है

डीपीआरओ ने बदला प्रेस नोट इन बातों का नहीं किया जिक्र

डॉ इंद्रजीत सिंह ने बताया कि मीटिंग में उपस्थित सभी अधिकारियों ने उनके विचारों पर सहमति प्रकट की परंतु सरकारी अधिकारी होने के कारण खुलकर बोलने से बचते रहे यहां तक की जिला लोक संपर्क अधिकारी ने भी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में से उनके सुझावों को न सिर्फ हटा दिया बल्कि मीटिंग में उनकी उपस्थिति भी दर्ज नहीं की

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