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किसान आंदोलन की नई रणनीति हो गई है तैयार सोमवार को देशभर में सांसदों को सौंपेंगे मांगपत्र

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किसान नेता पंधेर ने किया ऐलान, बीजेपी सांसदों को नहीं सौंपेंगे मांगपत्र, एमएसपी पर प्राइवेट बिल लाने की मांग

चंडीगढ़ 7 जुलाई। किसान आंदोलन के तहत संघर्ष की नई रणनीति रविवार को तैयार कर ली गई। आंदोलित किसान फसलों पर एमएसपी की लीगल गारंटी को लेकर संसद के मानसून सत्र के लिए तैयारी कर ली है। सोमवार 8 जुलाई को किसानों द्वारा पूरे देश में गैर-भाजपाई सांसदों को मांगपत्र सौंपे जाएंगे। हालांकि इसमें एनडीएम के अन्य घटक दलों के सांसदों को शामिल रखेंगे। वरिष्ठ किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने धरना स्थल पर ऐलान किया कि सभी सांसदों से मांग की जाएगी कि लोकसभा के मानसून सत्र में फसलों की एमसएपी की लीगल गारंटी को लेकर वह प्राइवेट बिल लेकर आए। एमएसपी के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। नेताओं पर किसान नजर रहेगी, उसके बाद आगे की रणनीति बनाई।

किन-किन सांसदों को सौंपेंगे मांगपत्र : पंधेर ने यह भी कहा कि नवनिर्वाचित सांसदों को मांगपत्र देने की स्ट्रेटजी बना ली गई है। सोमवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक मांगपत्र सौंपने की प्रक्रिया चलेगी। इस दौरान पंजाब में 13, हरियाणा में 5, राजस्थान में 11, यूपी में 20, मध्य प्रदेश में 2 और बिहार में 6 सांसदों को मांगपत्र सौंपे जाएंगे। इसी तरह महाराष्ट्र, केरल, आंध्र व तमिलनाडु समेत करीब कई राज्यों में मांगपत्र देंगे।

सभी दलों के समर्थन का दावा : पंधेर ने दावा किया कि किसानों की फसलों की एमएसपी की मांग को लेकर चल रहे संघर्ष को कांग्रेस का पूरा समर्थन मिला है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस ने भी किसानों को अपना समर्थन दे दिया। तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने कुछ दिन पहले शंभू बॉर्डर पर पहुंच कर संघर्ष पर चल रहे किसानों से मुलाकात की थी। साथ ही पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से बात कराई थी। इसके अलावा आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल भी किसानों के पक्ष में है। खासतौर पर पंजाब की आप सरकार और सीएम भगवंत मान ने आंदोलन के दौरान विशेष सहयोग किया।

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