तरनतारन के आप विधायक डॉ.सोहल का निधन, जालंधर सेंट्रल के आप विधायक रमन करप्शन केस में हैं फंसे
लुधियाना, 27 जून। अभी लुधियाना वैस्ट विधानसभा सीट पर उप चुनाव निपटे ही हैं। यह चुनाव सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लिए साख का सवाल बना था। हालांकि साफ-छवि के चलते राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को पार्टी ने उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला। आखिरकार अरोड़ा ने इस सीट पर जीत हासिल कर आप की साख बचाई। हालांकि आप समेत प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अलावा बीजेपी व शिअद ने भी इस सीट पर जीत के लिए जोर लगाया। जिसमें विपक्षी दल नाकाम साबित हुए और उनकी साख पर सवालिया निशान लग गए।
चर्चाएं, अब तरतारन आप के लिए नई चुनौती :
इसी बीच शुक्रवार को दुखद खबर सामने आई कि तरतारन के आप विधायक डॉ.कश्मीर सिंह सोहल का निधन हो गया। ऐसे में जाहिर तौर पर अब इस सीट पर भी उप चुनाव होगा। चर्चाओं पर भरोसा करें तो विपक्षी पार्टियों के साथ आप के नेताओं-वर्करों को यह नई चुनौती फिर सियासी-तौर पर डरा रही है। आप को सत्ता में होने के कारण एंटी-इंकबेंसी का खतरा तो रहेगा। दरअसल लुधियाना में तो जीते संजीव अरोड़ा की इमेज भी काम कर गई। अब तरतारन में उनको कोई ऐसा ही उम्मीदवार तलाशना पड़ेगा। वहीं, विपक्षी दलों की साख लुधियाना वैस्ट उप चुनाव में पहले ही सवालिया घेरे में है। उनको भी अपना सियासी-वजूद बचाने की चिंता होगी।
सबके लिए एक और चुनौती, लुधियाना सेंट्रल सीट :
जालंधर सेंट्रल सीट से आप विधायक रमन अरोड़ा को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने करप्शन के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। जो विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं, हालांकि पार्टी ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में सियासी-जानकर यही मान रहे हैं कि देर-सवेर अरोड़ा का इस्तीफा मंजूर हो सकता है। ऐसे में एक और उप चुनाव इस विधानसभा सीट पर होने के आसार हैं। दरअसल अरोड़ा पर लगे करप्शन के गंभीर आरोपों की वजह से सत्ताधारी आम आदमी पार्टी अब इन हालात में उनको बचाने का कतई प्रयास नहीं करेगी। इस सूरत में अगर यहां भी उप चुनाव होते हैं तो केवल आप ही नहीं, विपक्षी दलों की चिंता भी बढ़ेगी। दरअसल पहले इस सीट को आप ने ही जीता था।