पंजाब में साइबर धोखाधड़ी: एक लाख से ऊपर के केसों में करीब चार गुना की बढ़ोतरी, आरबीआई की रिपोर्ट में खुलासा

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पंजाब/यूटर्न/28 अगस्त: देश में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है, क्योंकि इसके कई फायदे हैं। हालांकि अगर आप अवेयर नहीं तो आपके साथ ठगी भी हो सकती है। पंजाब में भी साइबर धोखाधड़ी के केसों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड व इंटरनेट बैंकिंग के जरिये एक लाख से ऊपर के साइबर धोखाधड़ी के केस पिछले एक साल में करीब चार गुना बढ़ गए हैं। वर्ष 2022-23 में साइबर धोखाधड़ी के 125 केस आए थे, जिनके जरिये 3.61 करोड़ रुपये की लोगों से साइबर ठगी हुई थी। वर्ष 2023-24 में एक लाख रुपये से ऊपर के ये केस बढक़र 512 हो गए हैं। इन केसों के जरिये कुल 15.39 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। आरबीआई ऐसे सभी केसों का डाटा मेंटेन करता है। इसके अनुसार पंजाब में साइबर ठगी के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ष 2019-20 में 1.23 करोड़ के 33, वर्ष 2020-21 में 1.42 करोड़ के 40, वर्ष 2021-22 में 3.58 करोड़ के 92 साइबर ठगी के केस हुए। इसके बाद ही 2022-23 में इन केसों की संखया बढक़र 125 हो गई, जबकि वर्ष 2023-24 में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई और ठगी के केस 512 सामने आए।
दरअसल लोकसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस संबंध डाटा पेश किया था। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023-24 में पूरे देश में 1457 करोड़ रुपये के साइबर ठगी के कुल 29,082 केस आए हैं। साइबर क्राइम को लेकर केंद्र सरकार विशेष जागरूकता मुहिम भी चला रही है, जिसमें सोशल मीडिया के जरिये साइबर सेफटी टिप्स दिए जा रहे हैं। साथ ही राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर साइबर सेफटी व सिक्योरिटी अवेयरनेस वीक भी आयोजित किए जा रहे हैं। आरबीआई व बैंकों के जरिये भी साइबर क्राइम पर मैसेज के जरिये लोगों को जागरूक किया जाता है।
ठगी के लिए कॉल करके जुटाते हैं जानकारी
धोखेबाज आम तौर पर ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बनकर लोगों को कॉल करते हैं और उससे निजी जानकारी प्राप्त करते हैं। अगर लोग धोखे या किसी भी तरह के लालच में आकर अपनी निजी जानकारी दे देते हैं तो धोखेबाज आसानी से संबंधित व्यक्ति के बैंक अकाउंट में सेंध लगाकर ठगी कर सकते हैं।
साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए बरतें सावधानी
धोखेबाज पैसा ठगने के लिए आजकल नए-नए तरीके अपनाते हैं। हमें पता होने चाहिए कि किन लोगों के साथ निजी जानकारी साझी करनी है। अनजान नंबर से आने वाले कॉल, व्हाट्सएप कॉल, वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाएं। अपनी निजी जानकारी आधार व बैंक खातों की डिटेल, पिन और ओटीपी किसी के साथ साझा न करें। इसके अलावा अगर कोई कॉल करके आपको किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए कहता है तो ऐसी गलती न करें। ऐसा करके आपकी निजी जानकारी जुटाकर आपसे ठगी की जा सकती है। इसके अलावा कैशबैक या रिफंड वाली स्कीमों के लालच में ना आएं। हमेशा एप इंस्टॉल करने के लिए गूगल प्ले स्टोर या एपल एप स्टोर का ही इस्तेमाल करें। अगर किसी के साथ साइबर ठगी होती है तो वह हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत कर सकते हैं। यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे काम करता है। शिकायत के बाद तुरंत कार्रवाई की जाती है और जरूरत पडऩे पर बैंक के नोडल ऑफिसर से भी बात करके आगे ट्रांजेक्शन्स पर रोक भी लगाई जाती है, ताकि शिकायतकर्ता के अकाउंट में जो पैसा बाकी जमा है, उसे बचाया जा सके। लोगों से अपील है कि वह किसी भी अनजान के साथ अपनी निजी जानकारी बैंक अकाउंट, ओटीपी व पिन नंबर साझा न करें।
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