दिवंगत संजय कपूर की 30 हजार करोड़ की वसीयत को लेकर विवाद बढ़ गया है। उनके बच्चों कियान और समायरा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और प्रॉपर्टी में हिस्सा मांगा है। सोमवार को मामले की सुनवाई हुई, जिसमें बच्चों के वकील महेश जेठमलानी ने कोर्ट में कहा कि संजय कपूर की तीसरी पत्नी प्रिया सचदेव ने जानबूझकर वसीयत तैयार कर बच्चों को पूरी संपत्ति से वंचित रखा।
महेश जेठमलानी ने बताया कि वसीयत में कई महत्वपूर्ण बातें छिपाई गई हैं। उन्होंने कहा कि वसीयत में संजय कपूर का नाम नहीं है, और बच्चों के नाम व पता भी गलत लिखा गया है। बेटी समायरा का पता गलत है और बेटे कियान के नाम की स्पेलिंग बार-बार गलत दर्ज की गई है। वकील ने तर्क दिया कि संजय कपूर का अपने बच्चों के साथ गहरा रिश्ता था, इसलिए यदि उन्होंने स्वयं वसीयत लिखी होती तो यह गलतियां नहीं होतीं।
मामले की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।
पूरा मामला 12 जून 2025 से शुरू हुआ, जब संजय कपूर का निधन हुआ। इसके बाद करिश्मा कपूर ने आरोप लगाया कि प्रिया सचदेव ने गैरकानूनी ढंग से संजय की संपत्ति पर कब्जा किया और बच्चों को पिता की प्रॉपर्टी और व्यवसाय से पूरी तरह अलग रखा।
कुछ समय बाद कियान और समायरा ने पिता की 30 हजार करोड़ की संपत्ति में अपना हिस्सा मांगा। कोर्ट ने प्रिया को वसीयत पेश करने का आदेश दिया, लेकिन प्रिया के वकील ने इसे बंद लिफाफे में पेश किया और सार्वजनिक न करने की मांग की।
करिश्मा के बच्चों का आरोप है कि उनकी सौतेली मां ने नकली वसीयत तैयार कर पूरी संपत्ति पर कब्जा पाना चाहा है। इस वसीयत में बच्चों का नाम कहीं नहीं है, जिससे उन्हें पूरी संपत्ति से वंचित रखा गया।