हर वोट क्यों महत्वपूर्ण है ? जरूर पढें। एक वोट की कीमत !

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हर वोट क्यों महत्वपूर्ण है ? जरूर पढें। एक वोट की कीमत !

 

1- एक वोट से चुनाव हार गए थे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सी पी जोशी -* राजस्थान के विधानसभा चुनाव में सीपी जोशी सीएम पद के उम्मीदवार थे। वह एक वोट से हार गए। उनके लिए अफसोस की बात ये रही कि उनकी पत्नी और मां मंदिर गईं थीं इसलिए वोट नहीं डाल सकीं।

 

2- ड्राइवर वोट दे देता तो जीते जाते एआर कृष्णमूर्ति।* — बात कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2004 की है। एआर कृष्णमूर्ति जनता दल सेक्युलर से उम्मीदवार थे। उनके सामने ध्रुव नारायण थे। उन्हें 40,752 वोट मिले जबकि कृष्णमूर्ति को 40,751 वोट मिले थे। कृष्णमूर्ति को एक वोट का अफसोस हो गया। हैरान करने वाली बात ये है कि कृष्णमूर्ति के कार ड्राइवर ने मतदान नहीं किया था क्योंकि उसे समय नहीं मिल सका था। अगर वह वोट डाल देता तो कृष्णमूर्ति जीत जाते।

 

3- एक वोट से अटल सरकार गिर गई थी।

बात साल 1999 की है। AIADMK के समर्थन वापस लेने के बाद वाजपेयी सरकार को विश्वास प्रस्ताव रखना पड़ा था। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 269 और विरोध में 270 वोट पड़े और सरकार गिर गई। जरूरत सिर्फ एक वोट की थी। उस समय पूरी एनडीए को यह अफसोस रहा कि बस एक वोट उनके पक्ष में और होता।

 

4- अहमद पटेल आधे वोट से जीते थे।

बात 2017 की है, जब गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ था। कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल थे। कांग्रेस के ही दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी। उनके वोट रद्द हो गए थे, जिससे जीतने के लिए वोटों की संख्या 43.5 हो गई। अहमद पटेल को 44 वोट मिले थे। जिससे वह आधे वोट से जीत गए थे।

5- एक वोट से महाभियोग से बच गए अमेरिकी राष्ट्रपति।

बात साल 1868 के मार्च की है। अमेरिका के 17वें राष्ट्रपति एंड्रूयू जॉनसन को एक वोट महत्व समझ में आया था। दरअसल, ऑफिस एक्ट तोड़ने के आरोप में जॉनसन पर महाभियोग चला था लेकिन केवल एक वोट के फर्क से महाभियोग साबित नहीं हो सका और वे बच निकले।

 

6 -ब्रिटेन में एक वोट से संसद की सदस्यता छिन गई।

ब्रिटेन में हेरॉल्ड मोर नाम के लीडर की संसद सदस्यता केवल एक वोट के कारण छिन गई। घटना 1911 की है, जब ये सदस्य 4 वोटों से जीता, हालांकि हफ्तेभर बाद ही इस जीत को चुनौती मिली और फिर एक वोट न मिल पाने पर उनकी सदस्यता रद्द हो गई।

 

7 – एक वोट से अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बन सके।

साल 1876 में अमेरिका में हुए 19वें राष्ट्रपति पद के चुनावों में रदरफोर्ड बी हायेस 185 वोट हासिल कर राष्ट्रपति चुने गए थे. इन चुनावों में उनके प्रतिद्वंदी सैमुअल टिलडेन को 184 वोट हासिल हुए और इस तरह से महज एक वोट के अंतर से वो राष्ट्रपति नहीं बन सके।

हरजोत सिंह बैंस और दीपक बाली द्वारा बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से संबंधित समागमों के लिए निमंत्रण चंडीगढ़, 8 नवंबर पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली ने आज राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान श्री बैंस ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से 23 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले “सर्व धर्म सम्मेलन” में शामिल होने की अपील भी की। यह सम्मेलन श्री गुरु त़ेग बहादुर जी की धर्म (हक-सच) की रक्षा के लिए दी गई शहादत और आपसी भाईचारे के संदेश के व्यापक प्रसार के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की विरासत को पूर्ण श्रद्धा और सच्चे दिल से नमन करने के लिए इस समागम में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत और अमर विरासत को नमन करते हुए विनम्रता से पंजाब सरकार के निमंत्रण को स्वीकार किया। —

हरजोत सिंह बैंस और दीपक बाली द्वारा बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से संबंधित समागमों के लिए निमंत्रण चंडीगढ़, 8 नवंबर पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली ने आज राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान श्री बैंस ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से 23 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले “सर्व धर्म सम्मेलन” में शामिल होने की अपील भी की। यह सम्मेलन श्री गुरु त़ेग बहादुर जी की धर्म (हक-सच) की रक्षा के लिए दी गई शहादत और आपसी भाईचारे के संदेश के व्यापक प्रसार के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की विरासत को पूर्ण श्रद्धा और सच्चे दिल से नमन करने के लिए इस समागम में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत और अमर विरासत को नमन करते हुए विनम्रता से पंजाब सरकार के निमंत्रण को स्वीकार किया। —