बहु-आयामी और प्रभावी स्वास्थ्य रणनीति से बाढ़ प्रभावित गाँवों में बीमारियों के प्रकोप को रोका एक ही दिन में 1,100 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों में 20,668 मरीजों का इलाज; आशा वर्करों ने 1,471 गाँवों में 20,276 स्वास्थ्य किटें भी वितरित कीं

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

चंडीगढ़, 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा 2,303 प्रभावित गाँवों में बाढ़ से उत्पन्न होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए शुरू की गई बहु-आयामी “विशेष स्वास्थ्य मुहिम” ने संभावित बीमारियों के फैलाव को रोकने में सफलता हासिल की है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से संबंधित रिपोर्टों की समीक्षा करते हुए मंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि राज्य के चिकित्सा समुदाय -जिसमें सरकारी डॉक्टर, निजी स्वयंसेवक, आयुर्वेदिक मेडिकल अधिकारी और एम.बी.बी.एस. इंटर्न शामिल हैं -की बड़ी लामबंदी ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को एक मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा कवच प्रदान किया है।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह मुहिम मुख्य रूप से तीन-बिंदु रणनीतिक योजना के तहत काम कर रही है, जिसमें स्वास्थ्य शिविरों में आवश्यक इलाज उपलब्ध करवाना, घर-घर जाकर दौरे करना ताकि लोगों को बीमारियों से बचाव हेतु जरूरी चिकित्सा सुविधाएँ दी जा सकें और रोकथाम उपाय के रूप में क्षेत्रों में फ्यूमिगेशन किया जाना शामिल है।

शनिवार को किए गए रोकथाम उपायों के आँकड़े साझा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेडिकल टीमों ने 1,118 गाँवों को कवर किया है। शिविरों में 20,668 ओपीडी परामर्श किए गए, जिनमें 2,324 बुखार के मामले, 505 दस्त के मामले, 2,606 त्वचा संक्रमण और 1,133 आँखों के संक्रमण का इलाज किया गया।

उन्होंने बताया कि इस समय 20,000 से अधिक आशा वर्कर घर-घर जाकर मुलाकातें कर रही हैं। इस अभियान के तहत 1,471 गाँवों और 62,021 घरों को कवर किया गया है। इसके साथ ही आशा वर्करों ने 20,276 आवश्यक स्वास्थ्य किटें वितरित की हैं और लोगों की सक्रिय जाँच की है। इस दौरान 1,105 बुखार के मामलों की पहचान की गई है और मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया।

इसी तरह, तीव्र वेक्टर-नियंत्रण अभियानों के तहत 1,554 गाँवों को कवर किया गया। टीमों ने 63,233 घरों में मच्छरों के प्रजनन से संबंधित जाँच की, 969 घरों में प्रजनन स्थलों की पहचान कर उन्हें नष्ट किया। एक महत्वपूर्ण रोकथाम उपाय के रूप में 19,303 घरों में प्री-एम्प्टिव लार्वीसाइड का छिड़काव किया गया और बीमारी के संचार चक्र को तोड़ने के लिए 955 गाँवों में व्यापक फ्यूमिगेशन किया गया।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, “ये आँकड़े दर्शाते हैं कि हमारी रोकथाम रणनीति प्रभावी ढंग से काम कर रही है। हालाँकि, बीमारों का इलाज करना भी जरूरी है, लेकिन हमारा मुख्य उद्देश्य बीमारियों को उत्पन्न होने से पहले ही रोकना है।”

स्वास्थ्य मंत्री ने मुहिम की सफलता के पीछे इसके प्रभावी डिज़ाइन को अहम बताया, जो प्रतिक्रिया से अधिक रोकथाम पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच के अनुसार हमने यह मुहिम शुरू की है, जो स्वास्थ्य चुनौतियों से पहले ही निपटने की क्षमता रखती है।

Leave a Comment