लुधियाना 12 फरवरी। हानिकारक अंधविश्वासों को खत्म करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद संजीव अरोड़ा ने राज्यसभा में द प्रिवेंशन ऑफ ब्लैक मैजिक, विच-हंटिंग, एंड सुपरस्टीटियस प्रैक्टिसेज बिल 2024 पेश किया है। यह विधेयक काला जादू, मानव बलि, विच-हंटिंग और अन्य शोषणकारी अनुष्ठानों पर रोक लगाने का प्रयास करता है जो व्यक्तियों, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और हाशिए के समुदायों को नुकसान पहुंचाते रहते हैं।
इस संबंधी संसद में बोलते हुए सांसद संजीव अरोड़ा ने कहा कि अंधविश्वास से प्रेरित हिंसा के बढ़ते मामलों के साथ इस तरह के कानून की आवश्यकता बढ़ गई है। पूरे भारत में, विच-हंटिंग, मानव बलि और धोखाधड़ी वाले उपचार प्रथाओं के कई मामले सामने आते रहते हैं, जिससे गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान, सामाजिक बहिष्कार और, चरम मामलों में, मृत्यु भी होती है। इस समस्या की गंभीरता को बढ़ाने वाला कारक सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंधविश्वासों का तेजी से फैलना है। आज के डिजिटल युग में, यूट्यूब वीडियो, व्हाट्सएप फॉरवर्ड, फेसबुक ग्रुप और अन्य ऑनलाइन मंचों के माध्यम से गलत सूचना और भय-आधारित आख्यानों का व्यापक रूप से प्रचार किया जा रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर उन्माद फैल रहा है और ऐसी प्रथाओं को सामान्य माना जा रहा है। कई स्वघोषित भगवान, तांत्रिक और धोखेबाज़ इन प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल अलौकिक क्षमताओं का दावा करने, अनुष्ठानों को बढ़ावा देने और वित्तीय या व्यक्तिगत लाभ के लिए लोगों को धोखा देने के लिए करते हैं। विधेयक में अपराधियों के लिए कड़ी सजा का प्रस्ताव है, जिसमें काला जादू करने के लिए दस साल तक की कैद और गंभीर नुकसान या मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों के लिए आजीवन कारावास या यहाँ तक कि मौत की सज़ा भी शामिल है। यह ऐसे मामलों की जांच और मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय के तहत एक विशेष प्रवर्तन कार्य बल की स्थापना को भी अनिवार्य बनाता है। इस प्राइवेट मेंबर बिल का प्रस्तुतीकरण भारत में अंधविश्वास से प्रेरित हिंसा के गहरे मुद्दे को संबोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कानून का उद्देश्य दंडात्मक कार्रवाई और निवारक उपाये दोनों हैं।
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