बाबा ने मनाना है सिरसा डेरे में जन्मदिन, श्रद्धालु उत्साहित
रोहतक, 5 अगस्त। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। उनको एक बार फिर 40 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर जाने की अनुमति मिली है।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को राम रहीम को लेने के लिए हनीप्रीत, सिरसा डेरे के चेयरमैन दान सिंह, डॉ. आरके नैन और शरणदीप सिंह सिटू दो गाड़ियों के साथ जेल पहुंचे। वहां से वे राम रहीम को लेकर सीधे सिरसा डेरे के लिए रवाना हो गए। संयोग से देश की आजादी के दिन ही राम रहीम का जन्मदिन 15 अगस्त को आता है। हालांकि इस बार रक्षाबंधन के बाद उनका जन्मदिन सिरसा डेरे में ही मनाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
राम रहीम को साल 2017 में साध्वी यौन शोषण केस में दोषी पाया गया था। इसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। इसके अलावा वह हत्या जैसे अन्य गंभीर मामलों में भी आरोपी और दोषी रह चुका है। यहां काबिलेजिक्र है कि राम रहीम के लिए जेल से बाहर आना कोई नई बात नहीं है। अब तक उसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनावों के आसपास अक्सर पैरोल या फरलो दी जाती रही है। इससे पहले वह 10 अप्रैल 2025 को भी 21 दिन की फरलो पर जेल से बाहर आया था, और वह समय भी सिरसा डेरे में ही बिताया था। साल 2025 में यह तीसरी बार है जब राम रहीम जेल से बाहर आया है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में उसे 21-21 दिन की फरलो मिल चुकी है। अगर कुल गिनती की जाए, तो वह 2017 से अब तक 14 बार पैरोल या फरलो पर बाहर आ चुका है।
पैरोल और फरलो में अंतर :
पैरोल तब दी जाती है, जब कोई कैदी जेल में अच्छा व्यवहार करता है और किसी निजी कारण या अवसर, जैसे बीमारी, शादी, परिवार की जरूरत आदि के लिए कुछ समय के लिए बाहर जाने की इजाजत मांगता है। पैरोल की अवधि सजा में नहीं जोड़ी जाती। जबकि फरलो एक तरह की छुट्टी होती है, जो कैदी को जेल में अच्छा व्यवहार दिखाने पर मिलती है। फरलो की अवधि को सजा में शामिल कर लिया जाता है, यानि उतने दिन सजा पूरी मानी जाती है।
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