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मोहाली 1 अगस्त। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 2 साल से पंजाब के बाल सुधार गृह में बंद एक नाबालिग को जमानत दे दी। इतना ही नहीं, कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को भी काटा, जिसमें कहा गया था कि जमानत इसलिए नहीं दी गई क्योंकि बच्चा अनाथ और झुग्गी बस्ती में रहता है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि झुग्गी या स्लम इलाकों में रहने वाले लोगों को सिर्फ उनके रहन-सहन के आधार पर अपराधी प्रवृत्ति का मान लेना न सिर्फ गलत है। यह सोच अमानवीय और संविधान के खिलाफ है। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक नाबालिग आरोपी को जमानत देते हुए की, जिसे एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के तहत 39.7 किलोग्राम गांजा रखने के मामले में पकड़ा गया था। नाबालिग करीब 2 साल से बाल सुधार गृह में बंद था, जबकि इस मामले में अधिकतम सजा ही 3 साल है।