कमीशन बंदबांट में किसी को मर्सिडीज, किसी रेंज रोवर तो किसी के हिस्से आई इनोवा हाइब्रिड

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कमीशन के चक्कर में स्मार्ट सिटी के फंडों में लगातार हो रहा घोटाला

लुधियाना 13 मार्च। लुधियाना के नगर निगम में सरकार के ही अधिकारी सरकार को ही चूना लगाने में लगे हुए है। जहां पहले ई-रिक्शा घोटाला सामने आया था, वहीं अब चर्चा है कि सड़कों पर पैच वर्क करने के लिए ली गई दो कीमती पोथहोल बुस्टर्स मशीनों में भी बड़ा घोटाला किया है। दरअसल, पहले मशीन चार से पांच गुना कीमत पर ली गई, जबकि फिर जो फीचर बताकर मशीन कीमती बताई गई, वह उसे लेवल की निकली ही नहीं। जो मशीनरी 40 से 50 लाख में मिल सकती थी, उसके लिए प्रति मशीन 1.90 करोड़ तक खरीदे गए। वहीं आज वह मशीनें भी सफेद हाथी बनकर खड़ी कर रखी है और उसका इस्तेमाल भी नहीं हो रहा। बड़ी बात यह है कि यह पैसा स्मार्ट सिटी का खर्च किया गया है। चर्चा है कि अधिकारियों में कमीशन की बंदर बांट में किसी को मर्सिडीज, किसी को रेंज रोवर तो किसी के हिस्से इनोवा हाइब्रिड आई है। चर्चा है कि जिस अधिकारी द्वारा यह मशीनरी खरीदी गई, उसकी और से मोटी कमीशन ली गई है। हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम में मशीनरी की आड़ में सरेआम करोड़ों के घोटाले हो रहे हैं, लेकिन निगम के उच्च अधिकारी इस पर ध्यान ही नहीं दे पा रहे। यह दोनों मशीनें दिल्ली के दरिया गंज की ट्रांस मेटालाइट इंडिया लिमिटेड कंपनी से खरीदी गई। चर्चा है कि कंपनी की बेवसाइट पर एक ही फोटो लगा रखी है। जिससे यह भी क्लियर नहीं हो रहा कि यह कंपनी मैन्योफैक्चर या डीलर है।

40-50 लाख की मशीनें 3.83 करोड़ में खरीदी
जानकारी के अनुसार सड़कों पर पैच वर्क करने के लिए कुछ समय पहले निगम ने पोथहोल बुस्टर्स की दो मशीनें खरीदी गई। वैसे तो पैच वर्क के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीन की कीमत एक करोड़ रुपए है। लेकिन निगम के कुछ अफसरों द्वारा आधुनिक फीचर बताते हुए एक मशीन को 1.90 करोड़ रुपए में खरीदा। जिसके चलते करीब 3.83 करोड़ की दो मशीनें ली गई थी। जबकि यह आम 40-50 लाख में मिल जाती है। हैरानी की बात तो यह है कि अगर इतनी कम कीमत में मिल सकती है, तो ज्यादा कीमत में क्यों ली गई।

बढ़िया परफॉर्मेंस का दिया गया हवाला
चर्चा है कि जब अधिकारियों द्वारा उक्त मशीनें खरीदी गई तो बढ़िया परफॉर्मेंस का हवाला दिया गया। बताया गया कि आम मशीन से ज्यादा फीचर होंगे। लेकिन अब जब मशीनरी इस्तेमाल हुई तो बताए कए फीचर्स का 10 प्रतिशत भी सच नहीं निकला। जिससे साफ जाहिर है कि झूठ की कहानियां बनाकर मशीनरी खरीदी गई है।

अधिकारी को मिली मोटी कमीशन, ई-रिक्शा घोटाला हुआ
चर्चा है कि उक्त मशीनें खरीदने वाले अधिकारी को इस खरीददारी में करीब 70 लाख रुपए कमीशन मिली है। इतनी महंगी मशीनरी खरीदने के बावजूद वे खड़ी धूंल फाक रही है। जबकि अभी भी सड़कों पर उसी तरह खड्‌डे बरकरार है। वहीं इसी तरह पहले निगम के अधिकारियों द्वारा ई-रिक्शा खरीदने में बड़ा घोटाला किया था। जिसमें इंडस्ट्रियल हब कहे जाते लुधियाना से ई-रिक्शा न खरीदकर जालंधर से ई-रिक्शा खरीदे गए थे। जिसके बिल में भी बड़ा हेरफेर किया गया था।

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