चंडीगढ़ 22 अक्टूबर। भारत ने मुंबई की आर्थर रोड जेल, खासकर बैरक नंबर 12, की पहली आधिकारिक तस्वीरें बेल्जियम के अधिकारियों को सौंप दी हैं, जहाँ भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पित किए जाने के बाद रखा जाएगा। तस्वीरों में 46 वर्ग मीटर का बैरक दिखाया गया है, जिसमें निजी शौचालयों और बुनियादी सुविधाओं वाली दो कोठरियाँ हैं। ये तस्वीरें चोकसी के उन दावों का खंडन करने के लिए भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया के तौर पर भेजी गई थीं कि भारतीय जेलें भीड़भाड़ वाली और असुरक्षित हैं।
बेल्जियम की अदालत ने बचाव किया खारिज
चोकसी के वकीलों ने बेल्जियम की अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि भारत की जेलें खराब स्थिति में हैं और न्यायपालिका में स्वतंत्रता का अभाव है। हालाँकि, अदालत ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि संबंधित व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टें सिख आंदोलन और तिहाड़ जेल जैसे असंबंधित मामलों से संबंधित हैं, और यह साबित नहीं करतीं कि चोकसी को भारत में अन्याय या दुर्व्यवहार का कोई व्यक्तिगत खतरा है।
सबूत पेश करने में रहा विफल
अदालत ने आगे कहा कि बड़े धोखाधड़ी के मामलों की मीडिया कवरेज स्वाभाविक है और इसका मतलब पक्षपात या निष्पक्ष सुनवाई के अधिकारों का उल्लंघन नहीं है। अदालत ने आगे कहा कि चोकसी ऐसा कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है, जिससे पता चलता हो कि उसे भारत में यातना, अनुचित सुनवाई या चिकित्सा देखभाल से वंचित किया जाएगा।
भारत का आश्वासन
अपनी दलील में, सरकार ने आश्वासन दिया कि चोकसी के अधिकारों और स्वास्थ्य की रक्षा की जाएगी। उसने कहा कि आर्थर रोड जेल हिरासत के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है और आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करती है। भारत के नोट में उल्लेख किया गया है, व्यक्ति विशेष रूप से बैरक संख्या 12 में रहेगा और उसे केवल चिकित्सा कारणों या अदालती सुनवाई के लिए ही स्थानांतरित किया जाएगा। वह भारत की न्यायिक अदालतों के अधीन होगा, न कि जाँच एजेंसी के। बेल्जियम की अदालत के आदेश ने चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है, तथा राजनीतिक उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन के उसके दावों को खारिज कर दिया है।
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