चंडीगढ़, 1 सितंबर
पिछली आधी सदी की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहे पंजाब को इस आपदा से उबारने और बाढ़ प्रभावित लोगों का हाथ थामने के लिए संगरूर से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है। मीत हेयर ने मांग की है कि पंजाब को तुरंत 20,000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत दी जाए और बाकी नुकसान का पूरा आकलन करने के बाद एक व्यापक पैकेज दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार से पंजाब के लिए अटके हुए 60,000 करोड़ रुपये के फंड को तुरंत जारी करने की भी मांग की है। इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। देश का पेट भरने वाले पंजाब की मदद करना अब केंद्र का कर्तव्य है।
मीत हेयर ने कहा कि पंजाब में आई भयानक बाढ़ से जहाँ जान-माल, पशुधन और बुनियादी ढाँचे का नुकसान हुआ है, वहीं एक बड़े क्षेत्र में फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है, जिसका सीधा नकारात्मक प्रभाव देश के खाद्य भंडार पर पड़ेगा। देश के खाद्य भंडार वाले राज्य पंजाब पर आई इस विपदा में केंद्र सरकार को पंजाब का साथ देना चाहिए। फसल का नुकसान उस समय हुआ है जब कटाई का मौसम अपने पूरे शबाब पर है। लोगों के जान-माल के नुकसान के साथ-साथ पशुधन का भी काफी नुकसान हुआ है, जिसका डेयरी फार्मिंग और पशुपालन जैसे संबद्ध व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
लोकसभा सदस्य ने पंजाब में आई बाढ़ के कारणों पर गौर करते हुए कहा कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण रावी नदी में आई बाढ़ के कारण रणजीत सागर बांध में पिछले 10 दिनों में जलस्तर 25 फीट बढ़ गया है, जिससे 1988 की तुलना में अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। परिणामस्वरूप माझा के तीन जिलों के 300 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसी तरह, पौंग बांध में बढ़े जलस्तर के कारण कपूरथला और होशियारपुर जिलों के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण भाखड़ा बांध में जलस्तर बढ़ने से सतलुज नदी के किनारे बसे जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कल से हो रही बारिश के कारण घग्गर के किनारों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके अलावा, पंजाब में लगातार बारिश हो रही है और ये सितंबर में भी जारी है।
मीत हेयर ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि इस स्थिति को देखते हुए पंजाब को एक विशेष केंद्रीय पैकेज प्रदान करें। इस पैकेज में बाढ़ प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा, सिंचाई व्यवस्था सहित क्षतिग्रस्त बुनियादी ढाँचे का पुनर्निर्माण और नदी के किनारों की मरम्मत शामिल है। घग्गर नदी के स्थायी प्रबंधन के साथ-साथ नदी के किनारों को कम से कम साढ़े चार फीट तक मज़बूत किया जाना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी अपील की है कि जिस तरह केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया, उसी तरह केंद्र सरकार में तैनात वरिष्ठ नेताओं को पंजाब का दौरा करना चाहिए ताकि वे जमीनी स्तर पर हुए नुकसान को स्वयं देख सकें।