लुधियाना 25 फरवरी। लुधियाना में कुछ कंपनियों द्वारा नामी रियल एस्टेट कंपनियों के नाम इस्तेमाल करके लगातार लोगों से ठगी मारने के नए तरीके पैदा होने की चर्चा छिड़ी हुई है। दरअसल, एमडीबी ग्रुप की और से कैनाल रोड पर गांव चकना पुली के पास एक नया पास जुमेरा प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। लेकिन चर्चा है कि इस ग्रुप की और से 250 एकड़ जमीन पर कॉलोनी बनाने का दावा किया जा है। मगर असलियत में उनके पास एक एकड़ जमीन की भी रजिस्ट्री नहीं है। चर्चा है कि इस एमडीबी कंपनी की और से शिक्षा क्षेत्र और रियल एस्टेट सेक्टर में अपना अलग मुकाम रखने वाले एमबीडी ग्रुप की साख को भी दांव पर लगाया जा रहा है। क्योंकि लोगों को एमडीबी नाम सुनकर लगता है कि शायद यह एमबीडी ग्रुप का ही वेंचर है। जिसके चलते लोग लगातार इसी धोखे में रहकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एमडीबी ग्रुप की और से लुधियाना में बनाई जा रही कॉलोनी का नाम दुबई की सबसे लग्जरी व महंगी टाउनशिप पाम जुमेरा के नाम पर रखा गया है। जिसके चलते लोगों को यह भी भर्म है कि शायद पाम जुमेरा की तरह यहां सुविधाएं मिलेगी। लेकिन कही न कही इसी भर्म में रहकर लोग कही ठगी का शिकार न हो जाए। जिसके लिए लोगों को सावधान रहने की जरुरत है। यहीं नहीं लुधियाना में और भी कई कंपनियों द्वारा इसी तरह नामी कंपनियों के साथ मिलता जुलता नाम रखकर अक्सर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता है।
डंके की चोट पर अवैध कॉलोनी बेचने की चर्चा
वहीं चर्चा है कि एमडीबी ग्रुप के पास एक एकड़ जमीन की भी रजिस्ट्री नहीं है। जिसके बावजूद भी ग्रुप के पदाधिकारियों द्वारा डंके की चोट पर 250 एकड़ में कॉलोनी बनाने के दावे किए जा रहे हैं। सरेआम कार रैलियां शहर में निकाली जा रही है। चर्चा है कि इसी झूठ की आढ़ में कंपनी द्वारा कई सो करोड़ का घोटाला कर दिया जाएगा पंजाब सरकार व प्रशासन को पता ही नहीं चल सकेगा।
रेरा नंबर के बिना नहीं बनाई जा सकती कॉलोनी
चर्चा है कि उक्त एमडीबी ग्रुप के पास अभी एक एकड़ जमीन नहीं है, फिर वे कॉलोनी कैसे तैयार कर सकते हैं। जबकि कॉलोनी के लिए रेरा नंबर भी जरुरी है। ऐसे में पहले कंपनी द्वारा जमीन खरीदी जाएगी, जिसके बाद उसकी रजिस्ट्री होगी। फिर रेरा नंबर के लिए फाइल अप्लाई होगी। रेरा नंबर आने में भी 1 से 2 साल तक लग जाते हैं। क्योंकि उसमें पूरी वेरीफिकेशन होनी होती है। ऐसे में कंपनी द्वारा तो अभी से लोगों से बुकिंग के नाम पर पैसे इकट्ठे किए जा रहे हैं। अगर अब लोगों से ऐसे ठगी हो जाएगी तो किस जमाने में जाकर उन्हें पैसे वापिस मिलेगें।
एमबीडी ग्रुप की साख दांव पर
वहीं एमबीडी ग्रुप किताबों के क्षेत्र में वन ऑफ द लीडिंग ग्रुप है, इसी के साथ हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट सेक्टर में भी एमबीडी ग्रुप का अलग नाम है। वहीं एमबीडी भारत के चुनिंदा ग्रुपों में से एक है। लेकिन लुधियाना में इस ग्रुप के नाम की आढ़ में एमडीबी कंपनी द्वारा बड़ी मुनाफाखोरी की जा रही है। दोनों नाम बोलने में एक जैसे लगते हैं। जस कारण लोग एमडीबी को एमबीडी ही समझकर उस पर यकीन कर रहे हैं।
ग्लाडा सीए भी बैठे शांत
ग्लाडा सीए हरप्रीत सिंह की और से भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि पिछले एक हफ्ते से यह नई पाम जुमेरा कंपनी का मुद्दा मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। जिसके बावजूद एक्शन नहीं लिया जा रहा। लोगों में चर्चा है कि निजी स्वार्थों के चलते ही अधिकारियों द्वारा एक्शन नहीं लिया जा रहा है। वहीं अधिकारियों की इस गलती का खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ सकता है। शायद लोगों से ठगी होने के बाद ही अधिकारियों की आंख खुलेगी।
कानून तोड़ने के नियम की हो जाएगी शुरुआत
चर्चा है कि अगर इस तरह कंपनियों द्वारा बिना किसी डर के सरेआम नियमों का उल्लंघन करना जारी रखा गया तो आने वाले समय में कानून का पालन करने की जगह कानून को तोड़ने के नियम की शुरुआत हो जाएगी। क्योंकि इस तरह अगर बाहुबलियों की और से सेटिंग के साथ नियम तोड़कर अवैध निर्माण किए जा सकते हैं, तो इन्हें देखकर बाकी लोग भी इनकी राह पर चलेगें।