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मुद्दे की बात : कनाडा में बढ़ा आर्थिक संकट

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नई चुनौती कनाडा में बसे भारतीयों-छात्रों के लिए

कनाडा में भारतीयों समेत विदेशी छात्रों पर मंडराते खतरे के बीच एक और चिंताजनक खबर सामने आई है। दरअसल अब जस्टिन ट्रूडो के राज में कनाडा बहुत बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। यह संकट कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कनाडा में रहने वाले 25 फीसदी पेरेंट्स अपने बच्चों को पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपने भोजन में कटौती कर रहे हैं।

यह कोई अफवाह या चर्चा नहीं, बल्कि एक संगठन की रिपोर्ट में ये सामने आया है कि कनाडा के लोग घर, नौकरी और मुद्रास्फीति के मामले में सबसे खराब संकट का सामना कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि चार में से एक माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी तरह से भोजन देने के लिए अपना पेट काट रहे हैं। गैर-लाभकारी संगठन साल्वेशन आर्मी ने इसी 21 नवम्बर को अपनी रिपोर्ट जारी की है। जिसके अनुसार, 90 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा है कि उन्होंने दूसरी प्राथमिकताओं के लिए पैसे बचाने के लिए करियाने के सामान पर खर्च कम कर दिया है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कनाडा में लोगों की क्रय-शक्ति कम हुई है। इस समस्या को कम करने के लिए ट्रूडो सरकार के कुछ आवश्यक वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी में छूट की घोषणा करने की उम्मीद है।

यहां गौरतलब है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कनाडा में फूड-बैंकों को कमी का सामना करना पड़ रहा है। उनमें से कुछ ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को वापस भेजने का फैसला किया है, जिनमें भारतीय भी शामिल हो सकते हैं। देश में कई लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं पर समझौता किए बिना गुजारा मुश्किल हो गया है। यह रिपोर्ट जस्टिन ट्रूडो के लिए बहुत बुरी खबर मानी जा रही है। कनाडाई मीडिया आउटलेट सीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, माता-पिता गुजारे के खर्च से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। साल्वेशन आर्मी के प्रवक्ता जॉन मरे ने कहा कि जमीनी वास्तविकता यह है कि कई कनाडाई लोगों को अपने लिए और सबसे महत्वपूर्ण बात अपने बच्चों के लिए अपनी दैनिक बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में परेशानी हो रही है। यह देश में एक बड़े संकट का संकेत है। इस रिपोर्ट के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल 24 फीसदी माता-पिता ने यही कहा है कि उन्होंने अपने बच्चों को खिलाने के लिए अपने भोजन की खपत कम कर दी है। जबकि 90 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि उन्होंने दूसरी जरूरतों के लिए करियाने के बिलों में कटौती की। कई लोग कम पौष्टिक भोजन खरीद रहे हैं, क्योंकि यह सस्ता है।

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि विदेशियों की बात करें तो भारत, खासकर पंजाब से बड़ी तादाद में आम लोग और छात्र कनाडा में रह रहे हैं। ऐसे हालात में वहां रह पाना अब उनके लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी। वैसे भी कनाडा और भारत के रिश्तों में लगातार कड़ुवाहट बढ़ने से कुछ सकारात्मक होने की उम्मीदें कम ही हैं।

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