बड़ी चिंता, साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारत के
अमेरिका में चुनाव के वक्त कड़ी आव्रजन नीतियों का एलान कर चुके डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ के बाद सबसे पहले अवैध प्रवासन पर काम करेंगे। इसकी तैयारी में अमेरिकी आव्रजन-सीमा शुल्क प्रवर्तन यानि आईसीई ने निर्वासन के लिए लगभग 15 लाख लोगों की सूची तैयार की है। इनमें से करीब 18 हजार भारतीयों को भारत निकालने का खतरा है। इतना ही नहीं, अमेरिकी सरकार ने भारत पर गैर-मददगार होने का आरोप लगाया है।
यहां काबिलेजिक्र है कि आईसीई ने निर्वासन प्रक्रिया में मदद नहीं करने वाले 15 देशों की सूची बनाई है, जिन्हें ‘गैर मददगार’ कहा जाता है। इनमें भारत का नाम भी है। आसीई के डाटा के मुताबिक, अमेरिका में रह रहे करीब 18 हजार भारतीय अवैध कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया में फंस गए हैं। इसमें 3 वर्ष का वक्त लग सकता है। आईसीई के मुताबिक, पिछले 3 सालों में अमेरिकी सीमा में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में 90 हजार भारतीयों को पकड़ा गया है। इन प्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से रहा है। एशियाई देशों में अवैध घुसपैठ को लेकर चीन शीर्ष पर है। भारत इस मामले में 13वें नंबर पर है।अक्तूबर में अमेरिका ने अवैध रूप से देश में रह रहे भारतीयों को निर्वासित करने के लिए एक चार्टर्ड उड़ान का इस्तेमाल किया था।
गृह सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार, 22 अक्तूबर को भारत के सहयोग से एक उड़ान भारत भेजी गई। अमेरिका में हजारों बगैर कानूनी दस्तावेज के रहने वाले भारतीय अपनी स्थिति को वैध बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इनमें से कई को आईसीई से मंजूरी मिलने में वर्षों लग गए हैं। डेटा के मुताबिक अमेरिका में 17,940 भारतीय ऐसे हैं जो अवैध प्रवासी हैं। साथ ही इन लोगों को गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में घुसने के लिए जेल में नहीं डाला गया है। ये कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया में फंस गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह प्रक्रिया पूरी होने में 3 साल तक का वक्त लग जाता है। घुसपैठ करने वाले ज्यादातर प्रवासी अमेरिका के पड़ोसी देशों से हैं। इनमें सबसे ज्यादा होंडुरास के 2 लाख 61 हजार अवैध प्रवासी हैं। इसके बाद ग्वाटेमाला के 2 लाख 53 हजार अवैध प्रवासी शामिल हैं।
वहीं, एशियन देशों में सबसे ज्यादा चीन के हैं। भारत इस मामले में 13वें नंबर पर है। अमेरिका में करीब 7 लाख 2 हजार अवैध भारतीय प्रवासी हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारत के हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा हैं। ऐसे में जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प की शपथ ग्रहण के बाद इन लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है। हाल ही में अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि वो पद संभालने के बाद अमेरिका में पैदा होते ही नागरिकता मिलने वाले अधिकार को खत्म कर देंगे।
अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के मुताबिक जो भी बच्चा अमेरिका में पैदा होता है, उसे पैदा होते ही अमेरिका की नागरिकता मिल जाती है। भले ही उसके माता-पिता के पास किसी भी देश की नागरिकता हो।प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक 1990 में अमेरिका में जहां 2.33 करोड़ प्रवासी थे, वहीं 2017 में यह आंकड़ा 4.98 करोड़ पर पहुंच गया। यानी अमेरिका में प्रवासियों की संख्या 110 फीसदी बढ़ी। वहीं, साल 2023 के डेटा के मुताबिक अभी ये घटकर 4.78 करोड़ हैं।
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