मंडी गोबिंदगढ़ बना बोग्स बिलिंग व जीएसटी चोरी का गढ़, छह फर्जी फर्मों का खुलासा, 647 करोड़ की बोग्स बिलिंग, 6 अरेस्ट

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भारत स्टील, रामजी कॉनकास्ट, एकेएम अलॉयज, केटीबी अलॉयज, श्री सालासर बालाजी और सालासर स्टील ट्यूब्स एंड कंपनियों को होती थी बोग्स बिलिंग

लुधियाना 3 मई। मंडी गोबिंदगढ़ बोग्स बिलिंग और जीएसटी चोरी का गढ़ बनता जा रहा है। शायद इतनी पूरे पंजाब में जीएसटी चोरी नहीं होती, जितनी अकेले मंडी गोबिंदगढ़ की कई फर्मों द्वारा कर दी जा रही है। हाल ही में डीजीजीआई लुधियाना की टीम द्वारा छह ऐसी फर्जी फर्मों का खुलासा किया। जिनकी और से 647 करोड़ रुपए की बोग्स बिलिंग की जा रही है। यहां तक कि उन्होंने 116 करोड़ रुपए जीएसटी चोरी भी कर लिया। इस मामले में डीजीजीआई लुधियाना की टीम ने मंडी गोबिंदगढ़ के रहने वाले संजीव कुमार (55), करण कुमार (32) और शोभित (27) को गिरफ्तार किया है। इन तीनों की और से मिलकर फर्जी बोग्स बिलिंग की जा रही थी। तीनों आरोपी एक ही परिवार के सदस्य हैं। वहीं इस मामले में टीम ने जिन छह फर्मों का खुलासा किया है, उनके मालिकों संजीव कुमार बांसल और उसके दो बेटों करण बांसल और सोवित बांसल को भी गिरफ्तार कर लिया है।

छह फर्मों को हो रही थी बोग्स बिलिंग
जानकारी के अनुसार इस बोग्स बिलिंग के खेल में छह फर्मों के नाम सामने आए हैं। जिसमें भारत स्टील इंडस्ट्री, रामजी कॉनकास्ट, एकेएम अलॉयज, केटीबी अलॉयज, श्री सालासर बालाजी स्टील ट्यूब्स और श्री सालासर स्टील ट्यूब्स एंड कंपनी शामिल है। यह सभी फर्में मंडी गोबिंदगढ़ में स्थित है। यह फर्में बिलेट्स के निर्माण और पाइप के व्यापार में शामिल थीं। यह फर्में संजीव कुमार बांसल और उसके दो बेटों करण बांसल और सोवित बांसल द्वारा चलाई जा रही थी।

647 करोड़ की बोग्स बिलिंग की, 116 करोड़ टैक्स चुराया
जांच के दौरान पता चला है कि तीनों आरोपियों संजीव कुमार, करण कुमार और शोभित द्वारा उक्त फर्मों को 647 करोड़ की बोग्स बिलिंग की गई। जिसकी एवज में 116 करोड़ का टैक्स चोरी किया गया है। जानकारी के अनुसार डीजीजीआई लुधियाना को सूचना मिली थी कि उक्त छह फर्मों द्वारा धड़ल्ले से बोग्स बिलिंग की जा रही है। टीम को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।

258 करोड़ के फर्जी चालान मिले
टीम को जांच के दौरान कई हैरानीजनक खुलासे हुए हैं। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों द्वारा 258.5 करोड़ के फर्जी चालान में भी काटे गए थे। वे चालान टीम को बरामद हो चुके हैं। इन चालानों से गैर-मौजूद और फर्जी व्यावसायिक संस्थाओं से फर्जी आईटीसी की धोखाधड़ी और उपयोग के माध्यम से 46.5 करोड़ की जीएसटी चोरी की गई है।

जानबूझकर खोली जाती है कई फर्में
जानकारी के अनुसार इन ठगों द्वारा बोग्स बिलिंग करने के लिए जानबूझकर कई फर्में खोली जाती है। जिसके बाद एक बोग्स बिल काटकर दूसरी फर्म, उसके बाद तीसरी फिर आगे की आगे कई फर्मों को दे दिया जाता है। जिस कारण जब इसकी जांच होती है तो कई फर्में शामिल होने के कारण जांच में देरी हो जाती है। अधिकारी जांच में उलझ जाते हैं, कई बार तो जांच बीच में ही रुक जाती है। जिसके चलते ठग अपनी बोग्स बिलिंग को अंजाम देते रहते हैं। कई बार ठग कंपनियां ही बदलकर दूसरी कंपनियां बनाकर नए सिरे से ठगी शुरु कर देते हैं।

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