लुधियाना 6 अक्तूबर
संत श्री अश्वनी बेदी जी महाराज ने आज श्री राम शरणम् , श्री राम पार्क के साप्ताहिक सत्संग में कहा कि
महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति के आदिकवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं, जिन्होंने संस्कृत भाषा में महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना कर मानवता को एक महान आदर्श प्रदान किया। रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म का आधारस्तंभ है, जो हजारों वर्षों से भारतीय जनमानस को धर्म, नैतिकता और कर्तव्य का मार्ग दिखा रहा है।
महर्षि द्वारा रचित महाकाव्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र, उनके संघर्ष, आदर्शों और विजय का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करता है।
महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि इसलिए कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि ‘रामायण’ की रचना करते समय उनके मुख से जो पहला श्लोक अनुष्टुप छंद निकला, वह लौकिक संस्कृत साहित्य का प्रथम छंद था। यह श्लोक उन्होंने एक क्रौंच पक्षी के जोड़े में से नर को व्याध द्वारा मारे जाने पर शोकवश कहा था।
रामायण में आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श पत्नी, आदर्श सेवक और आदर्श राजा के चरित्रों का सजीव चित्रण मिलता है। श्री राम का जीवन सत्य, धर्म, त्याग और मर्यादा का साक्षात उदाहरण है, जबकि देवी सीता पवित्रता, सहिष्णुता और समर्पण की प्रतीक हैं। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का भातृ-प्रेम तथा हनुमान का निःस्वार्थ सेवा भाव आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
यह महाकाव्य मनुष्य को जीवन के सत्य, कर्तव्य और नैतिकता से परिचित कराता है। यह सिखाता है कि सत्य और धर्म के मार्ग पर चलकर ही व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है, भले ही इसके लिए उसे कितने भी कष्ट क्यों न सहने पड़ें।
रामायण संस्कृत भाषा की अनुपम कृति है, जो अपनी सुमधुर काव्य शैली, रस, छंद और अलंकार के प्रयोग के लिए विश्व विख्यात है। इसने बाद के कवियों और साहित्यकारों के लिए एक मानदंड स्थापित किया।
महर्षि वाल्मीकि की रचना ‘रामायण’ भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह केवल एक धार्मिक कथा न होकर जीवन जीने की कला है, जो हर युग में प्रासंगिक रहेगी और मानवता को प्रेम, भाईचारा और सद्भाव का संदेश देती रहेगी।
स्थानीय श्री राम शरणम् , श्री राम पार्क पर स्थित आश्रम मंदिर में , विजय दशमी के नवरात्रि एवं श्री राम नवमीं के नवरात्रो में श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित ग्रंथ श्री वाल्मीकीय रामायण जी के पाठ श्रद्धा से , पूर्ण भक्ति भाव से नियम से किये जाते है ।
सभा में श्रीमती सुदर्शन जैन, सुमन जैन , राज गुप्ता, मधु बजाज, मंजु गुप्ता, शशि भल्ला, आशु जैन, अलका अग्रवाल, रुचि शर्मा, स्वीट धवन, दीक्षा धवन, राशि चड्डा, दीपाली सहगल, पलवी धवन, साक्षी गंभीर, प्रेरणा शाही, बाहर प्रकाश, श्रुति थापर, संयम भल्ला, रीति सिक्का, नीना गर्ग, रश्मि गर्ग, राधिका वर्मा, अंजू कपूर, हिमानी गर्ग , वीणा सोनी, शुचिता दुग्गल, निधि गुप्ता, रेणु शर्मा, श्री रामेश्वर गुप्ता, बृजेश गुप्ता, शशि गुप्ता, वीरेंद्र जैन, गुलाब राय, राजिन्दर नारंग, संजीव धवन, राजन शर्मा, अमन गंभीर सम्मिलित रहे ।