दिल्ली ब्लास्ट की जांच में लुधियाना का लिंक सामने आया

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दिल्ली के लाल किले के बाहर हुए बम धमाके की जांच में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कार्रवाई और तेज कर दी है। जांच के दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े छात्रों और शिक्षकों के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। इसी क्रम में लुधियाना कनेक्शन सामने आने पर 13 नवंबर को एनआईए टीम ने बाल सिंह नगर में छापेमारी की।

लुधियाना के डॉक्टर से पूछताछ, लैपटॉप-फोन जब्त

टीम ने यहां अल-फलाह यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर जाननिसार आलम की क्लिनिक पर दबिश दी, जो बंद मिला। इसके बाद टीम ने उनके घर पहुंचकर पिता तौहीद आलम से पूछताछ की। परिवार के अनुसार, डॉक्टर आलम कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के डालखोला रिश्तेदारी में गए थे, जहां एनआईए ने उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर पूरा दिन सवाल-जवाब किए और शाम में छोड़ दिया। एजेंसी ने उनका लैपटॉप और मोबाइल कब्जे में ले लिया है। आज उन्हें दोबारा दिल्ली दफ्तर में बुलाया गया है।

2020 में एमबीबीएस में दाखिला, पीजी की तैयारी

परिवार का कहना है कि डॉ. आलम ने 2020 में एमबीबीएस शुरू किया था और 2025 में डिग्री पूरी कर लुधियाना में क्लिनिक चला रहे थे। वे एम्स पीजी की तैयारी कर रहे हैं, जिससे क्लिनिक पर समय कम दे पाते थे।

पठानकोट से डॉ. रईस भट्ट से भी पूछताछ

दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपी डॉ. उमर के संपर्क में रहे डॉ. रईस भट्ट को भी पठानकोट से पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि वह पहले हमदर्द इंस्टीट्यूट और इससे पहले अल-फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे थे। एजेंसियां उनके आरोपी से संबंधों की विस्तृत जांच कर रही हैं।

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