गुरुद्वारा कमेटी के कथित-प्रधान ने ट्रस्टी पर कराया चोरी का पर्चा, अब दोनों पक्ष ने एक-दूसरे पर लगाए संगीन इलजाम
लुधियाना, 20 जुलाई। महानगर के मॉडल टाउन इलाके स्थित शहीद बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा साहिब में कथित-तौर पर प्रधानगी का विवाद तूल पकड़ चुका है। गुरुद्वारा साहिब की प्रबंधक कमेटी के कथित प्रधान सुरिंदर पाल सिंह बिंद्रा ने ट्रस्टी नवप्रीत सिंह पर चोरी का आरोप लगा थाना मॉडल टाउन में गत दिवस केस दर्ज कराया था।
शिकायत के मुताबिक गुरुद्वारा परिसर से संगमरमर पत्थर चुराने की कोशिश की गई। जिसमें सुरिंदर पाल की शिकायत पर जवद्दी कलां निवासी ट्रस्टी नवप्रीत सिंह पर पर्चा दर्ज किया गया था। यहां गौरतलब है कि उन पर मामला दर्ज होने के बाद परिजनों और संगत ने गुरुद्वारा साहिब के बाहर प्रदर्शन भी किया था। अब इस मामले में दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वहीं चर्चाओं के मुताबिक असली विवाद गुरुद्वारे की प्रधानगी और महीने में करीब 70 लाख की गोलक का है।
इसे लेकर ट्रस्टी नवप्रीत सिंह प्रीति ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। उनके मुताबिक साल 2020 में उनके पिता राजिंदर सिंह बिंद्रा का निधन हो गया था, जो इस गुरुद्वारे के संस्थापक थे। उसके बाद ही विरोधी पक्ष ने साजिश रची। सबसे पहले बाबा अजीत सिंह को ट्रस्ट से बाहर निकाला। फिर कंवलजीत सिंह को बाहर किया। हालांकि संविधान के मुताबिक ये किसी ट्रस्टी को बाहर नहीं निकाल सकते, वह उम्रभर के लिए होता है। इसके बाद इन्होंने एक और सीनियर ट्रस्टी को बाहर निकालने का प्रयास किया। नवप्रीत ने इलजाम लगाया कि सुरिंदर पाल खुद को गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान कहते हैं, लेकिन दस्तावेजी सबूतों में वह प्रधान नहीं हैं। गुरुद्वारे पर कब्जा करने की नीयत से उन्होंने अपने बेटे को ट्रस्ट मेंबर बनवाया। हालांकि संगत के विरोध के चलते उसे ट्रस्ट से निकाल दिया। फिर इन्होंने मुझे टारगेट किया, पिता-पुत्र ने मुझे थ्रेट भी किया। गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए मैंने विरोधी पक्ष के खिलाफ पहले खुलकर कोई शिकायत नहीं की। अब हालात बर्दाश्त से बाहर हैं और हम यही चाहते हैं कि गुरुद्वारा साहिब का प्रबंधन अब एसजीपीसी को संभाल लेना चाहिए।
दूसरी ओर, शिकायतकर्ता सुरिंदर पाल ने फिर अपने आरोप दोहराए कि यह कोई घरेलू विवाद नहीं, बल्कि गुरुद्वारा साहिब का मसला है। गुरुद्वारे में लगे कीमती मार्बल में बचे मैटेरियल को आरोपी नवप्रीत सिंह अपने निजी इस्तेमाल के लिए चुराया था। साथ ही आरोप लगाया कि जब गोलक गिनी जाती है तो नवप्रीत वहां मौजूद रहते हैं। मार्बल मामले में गुरुद्वारा कमेटी की ओर से दो रिमाइंडर पर आरोपी नवप्रीत ने स्पष्टीकरण नहीं दिया तो फिर पुलिस से शिकायत की गई। साथ ही सुरिंदर पाल ने कहा कि बेशक एसजीपीसी गुरुद्वारे का प्रबंधन संभाल ले, हमें कोई एतराज नहीं है। लगे हाथों यह इलजाम भी लगाया कि दुगरी थाने में जुआ खिलाने के आरोप में मनप्रीत पर केस दर्ज हुआ था। मेरे बेटे सुखविंदर का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है, वह तो गुरुद्वारा कमेटी में ही नहीं है। नवप्रीत पर हमने मानहानि का भी दावा कर रखा है।
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