कैसिनो-माफिया के रडार पर लुधियाना, इस दीवाली पर लिया 100 करोड़ का धंधा !

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ठाकुर कॉलोनी में धड़ल्ले से चला कैसिनो, प्रमोटर्स-सरकारी तंत्र कैसे हैं अंजान ?

लुधियाना, 21 अक्टूबर। कारोबारी शहर होने की वजह से लुधियाना कैसिनो-माफिया के रडार पर है। पिछले साल दीवाली पर साउथ सिटी में कैसिनो खोला गया था। हालांकि शोर मचने पर पुलिस ने एक्शन लिया तो तब कैसिनो माफिया इस गैरकानूनी धंधे को समेट लिया। इस बार फिर शहर में ही पक्खोवाल रोड स्थित ठाकुर कालोनी में कैसिनो माफिया ने यही गोरखधंधा शुरु किया। बताते हैं कि इस दौरान कैसिनो में जुआ खिलाकर दीवाली तक करीब 100 करोड़ का धंधा कर डाला।

शर्मनाक : ‘ठाकुर’ कॉलोनी, अंदर ‘गुरु जी’ महाराज का आश्रम :

इस शर्मनाक पहलू ही कहेंगे कि जिस जगह यह कैसिनो करीब एक महीने पहले कैसिनो खोला गया, उसका नाम ठाकुर कॉलोनी है। धार्मिक नजरिए से ठाकुर जी के साथ लोगों की श्रद्धा जुड़ी है। साथ ही इसी कॉलोनी में विख्यात ‘गुरुजी’ महाराज का आश्रम है। जिनके साथ असंख्य श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ी है। लिहाजा आश्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आते हैं, जिससे अपरोक्ष रुप से इस कॉलोनी की भी खास पहचान बनी है। पक्खोवाल रोड पर इस कॉलोनी से थोड़ी दूर स्पेशल बच्चों का संरक्षण-गृह यानि आश्रम भी है। जहां लुधियाना समेत आसपास के इलाकों से तमाम परिवार लंगर लगाने और दान-सहयोग देने आते हैं।

कैसिनो हाई-टैक, फुल सिक्योरिटी प्रूफ :

सूत्रों व चर्चाओं के मुताबिक यह कैसिनो हाईटैक और सिक्योरिटी प्रूफ है। एडवांस टैक्नोलॉजी वाली मशीनें अंदर इन्स्टॉल की गई है। जबकि कस्टमर को बाकायदा व्हट्सएप मैसेज यानि इन्विटेशन भेजा जाता है। उसके बाद ही कैसिनो पर पहुंचने के बाद व्हट्सएप मैसेज और कोड चैक करके गेट से अंदर एंट्री दी जाती है।

दीवाली तक लगभग 100 करोड़ कमा लोगों का निकाला दिवाला !

चर्चाओं के अनुसार कैसिनो माफिया ने महीने भर में ही दीवाली तक करीब सौ करोड़ रुपये कमा डाले। पंजाबी-लहजे में कहें तो जुए के शौकीन लोगों का माफिया ने दीवाली तक दिवाला निकाल डाला। यहां गौरतलब है कि कैसिनो-माफिया की एंट्री से पहले शहर के धन्नासेठ क्लबों और फाइव स्टार होटलों में ताश के जरिए मोटा-जुआ खेलते थे। मुखबिरी होने पर कई बार ऐसे जुए पकड़े भी जाते थे। अब महानगर में इललीगल कैसिनो खुलने से जुए के शौकिनों को सेफ्टी, सिक्योरी और प्रोटक्शन की बेहतर सुविधा मिलने लगी। लिहाजा उनका झुकाव अब उस तरफ हो गया।

‘ऊपर’ वालों की रहमत !

चर्चा है कि कैसिनो चलाने वाले माफिया पर ‘ऊपर’ वालों की रहमत है। लोग जानने को उत्सुक हैं कि ये ऊपर वाले कौन हैं ? कुल मिलाकर यह तो तय है कि जो ऊपर वाले संरक्षण दे रहे हैं, शासन-प्रशासन के तंत्र पर पकड़ है। तभी कैसिनो माफिया का इस बार महीने भर में भी बाल-बांका नहीं हो सका।

बदनाम हुए तो क्या नाम ना हुआ :

चर्चाओं के अनुसार पिछले साल एक साइकिल कारोबारी ने साउथ सिटी में कैसिनो चलाया था। शोर मचने के बाद कैसिनो बंद होने पर उस शख्स की खासी बदनामी हो गई थी। हालांकि बावजूद जुए के शौकीन धन्नासेठों के बीच तो वह शख्स पहचान बना चुका था। बताते हैं कि कैसिनो-माफिया उसी शख्स को इस बार भी ‘मेन-फेस’ बनाकर नई जगह धंधा शुरु किया। चर्चाओं पर भरोसा करें तो कभी अपने कारोबार में भारी घाटा होने के बाद कैसिनो से यही शख्स मालामाल हो गया। लिहाजा वह सीना ठोककर कहता है कि बदनाम हुए तो क्या नाम ना हुआ।

कई उच्च अधिकारियों को मिले 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक का ‘शुक्राना’ पहुंचा !

चर्चाओं के मुताबिक कैसिनो-माफिया प्रशासन की मेहरबानी से ही अपना गोरखधंधा धड़ल्ले से चलाता रहा। बताते हैं कि कई उच्च अधिकारियों तक 50 लाख से एक करोड़ तक का ‘शुक्राना’ जाता रहा है।

हैरानी, प्रमोटर्स-सरकारी तंत्र कैसे है अंजान, मीडिया भी खामोश :

ठाकुर कालोनी में कैसिनो चलने की जानकारी मिलने के बाद लोगों में रोष है। वे हैरानी जता रहे हैं कि धड़ल्ले से चलने वाले इस धंधे से कॉलोनी के प्रमोटर्स और सरकारी तंत्र आखिर अभी तक कैसे अंजान है। कहीं भी जमीन के छोटे से टुकड़े पर अवैध निर्माण, देसी दारु का धंधा करने या किसी भी इललीगल काम की भनक तो उनको पलभर में हो जाती है। दूसरी बड़ी हैरानी वाली बात यह है कि मामूली सी मारपीट की सूचना भी मीडिया को मिल जाती है। जबकि इतना बड़ा गोरखधंधा शहर में चलने के बावजूद मीडिया भी आखिर खामोश क्यों है।

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