एलआईटी की मूल्य निर्धारण समिति की बैठक में अरोड़ा ने उच्च सफलता दर प्राप्त करने को संपत्ति की दरें अपरिवर्तित रखने का दिया सुझाव
लुधियाना, 2 मई। शुक्रवार को डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में आयोजित बैठक में, राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने रानी झांसी रोड पर करोड़ों रूपए के व्यावसायिक परिसर के लंबे समय से लंबित मुद्दे को उठाया, जो खरीदारों को आकर्षित करने के कई प्रयासों के बावजूद दशकों से बंद पड़ा है।
बैठक में डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन और लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एलआईटी) के चेयरमैन तरसेम सिंह भिंडर ने भाग लिया, जिसमें 2007 में लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुई कम उपयोग वाली व्यावसायिक संपत्ति पर ध्यान केंद्रित किया गया। सांसद अरोड़ा ने सुझाव दिया कि परिसर को भागों में किराए पर दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे एलआईटी को पर्याप्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। वर्तमान में, यह संरचना अपने लंबे समय से उपयोग में न आने के कारण ‘सफेद हाथी’ साबित हो रही है।
संपत्ति को ‘प्रमुख स्थान पर प्रमुख रियल एस्टेट’ बताते हुए अरोड़ा ने यह भी सुझाव दिया कि किराए पर देने से पहले परिसर का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए, क्योंकि इसकी हालत बहुत खराब है। उन्होंने चेतावनी दी कि इमारत की उपेक्षा के कारण असामाजिक तत्वों द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की चिंता पैदा हो रही है।
2.2 एकड़ में फैले इस परिसर में दो बेसमेंट स्तर हैं, जिसमें 250 कारों और लगभग 100 दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है। बुनियादी ढांचे को रेस्तरां, कॉफी शॉप, बैंक, शोरूम और कार्यालयों इत्यादि के लिए डिज़ाइन किया गया था। 2009 से संपत्ति को बेचने के बार-बार प्रयासों के बावजूद, कोई भी खरीदार आगे नहीं आया। अरोड़ा के प्रस्ताव के बाद, डिप्टी कमिश्नर ने एलआईटी अधिकारियों को संपत्ति को किराए पर देने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया।
अरोड़ा ने डीसी कार्यालय में आयोजित लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की मूल्य निर्धारण समिति की बैठक में भी भाग लिया। उन्होंने एलआईटी की उन संपत्तियों की कीमतों में वृद्धि ना करने का सुझाव दिया, जो दो नीलामी के बावजूद नहीं बिक पाई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कीमतों में और बढ़ोतरी केवल संभावित खरीदारों को हतोत्साहित करेगी। अरोड़ा ने सुझाव दिया कि ऐसी संपत्तियों के लिए मौजूदा आरक्षित मूल्य बनाए रखने से भविष्य की नीलामी में सफलता दर अधिक होने की संभावना है। बैठक के दौरान उनकी सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया।
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