AIPL पर खास मेहरबान है ग्लाडा ?
लुधियाना 21 मार्च। इललीगल कालोनियां में प्लॉट्स काटने और उनको डेवलप करने वालों के खिलाफ ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट आथोरिटी यानि ग्लाडा की ताबड़तोड़ कार्रवाई ‘आई-वॉश’ करने जैसी है। यह चर्चा जोरों पर इसलिए है कि ग्लाडा द्वारा एक ही दिन में दर्जनभर केस दर्ज कराने के बावजूद बहुचर्चित एवं विवादित एआईपीएल जैसे कोलोनाइजर कम डेवलपर पर कतई आंच नहीं आई। यहां काबिलेजिक्र है कि सूत्रों के अनुसर यूं तो 100 इललीगल कालोनियों की लिस्ट ग्लाडा एडमिनिस्ट्रेटर को सौंपी गई थी। जिसमें से महज दर्जन भर ही एक्शन के दायरे में आई हैं।
यहां काबिलेगौर है कि एआईपीएल के खिलाफ खुद ग्लाडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर ने नोटिस जारी किया था। जिसके मुताबिक इस संस्थान को अपने ऐसे प्रमोश्नल-बोर्ड हटाने को कहा गया था, जिनमें वह ग्राहकों को भ्रमित कर रही थी। उन होर्डिंग्स में ग्लाडा के ड्रीम-प्रोजेक्ट आइरियो साइट पर प्रोपर्टीज को बेचने के लिए एआईपीएल के नाम पर ग्राहकों को लुभाया गया। इस मामले में तमाम अनियमितताओं के बावजूद ग्लाडा प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। अब चर्चाओं का बाजार गर्म है कि एआईपीएल के खिलाफ कार्रवाई आखिर क्यों नहीं हो रही है ? क्या इसके पीछे लैंड माफिया और इंटरनेशनल इंवेस्टर्स का दबाव तो काम नहीं कर रहा है। ऐसे में ग्लाडा ने इस चर्चित डेवलपर के खिलाफ आखिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
ग्राहक खुद को ठगा महसूस कर रहे : एआईपीएल के जरिए प्रोपर्टी खरीदने वाले ग्राहक अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। दरअसल तमाम ग्राहकों को यह बात पता चल चुकी है कि आइरियो प्रोजेक्ट किसी भी तौर पर एआईपीएल में मालिकाना हक को लेकर एआईपीएल को कोई अनुमति ग्लाडा के जरिए नहीं मिली है। ऐसे हालात में एक बार फिर ग्लाडा के आला अफसर भी सवालिया घेरे में हैं।
एक्शन के मामले में अपनाई दोहरी नीति ! ग्लाडा द्वारा इललीगल कालोनियों के मामले में कार्रवाई को लेकर दोहरी नीति अपनाने के आरोप फिर से लगने शुरु हो गए हैं। जिन पर कार्रवाई हुई है, उन साइट्स के मालिक भी इसे लेकर रोष जता रहे हैं। इस दोहरी नीति के पीछे आखिरी कौन सा दबाव काम कर रहा है, यह भी चर्चा का विषय बना है।
मामले में इन पर अवैध खिलाफ एफआईआर दर्ज
डेहलों पुलिस ने खानपुर गांव में महाराज अग्रसेन एन्क्लेव नामक एक अवैध कॉलोनी बनाने और खरीदारों को प्लॉट बेचने के लिए श्रारव इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज की। जस्सड़ गांव में अवैध कॉलोनी रिधि एन्क्लेव बनाने वाले संजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सदर पुलिस ने महमूदपुरा और संगोवाल में दो अवैध कॉलोनियों का पता लगाने के बाद दो अज्ञात कॉलोनाइजरों के खिलाफ भी दो एफआईआर दर्ज की गई। दुगरी पुलिस ने फेज 2 अर्बन एस्टेट के आरसी कॉलोनाइजर के खिलाफ आवासीय कॉलोनी इंटरनेशनल हाइट्स बनाने के लिए एक एफआईआर दर्ज की। साहनेवाल पुलिस ने जसपाल बांगड़ और साहनेवाल में अवैध कॉलोनियों के निर्माण के लिए दो अज्ञात कॉलोनाइजरों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। जमालपुर पुलिस ने भामियां कलां में अवैध कॉलोनियों के निर्माण के लिए कॉलोनाइजरों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं।
पहले मामले में मोती नगर के राज कुमार और रविंदर सिंह नामक दो कॉलोनाइजरों पर औद्योगिक क्षेत्र में एक आवासीय कॉलोनी बनाने का मामला दर्ज किया गया है।
जमालपुर पुलिस ने समराला रोड के वरिंदर कुमार, अनमोल शर्मा और रविंदर सिंह के खिलाफ औद्योगिक क्षेत्र में एक अवैध कॉलोनी एवन सिटी बनाने के लिए एक और मामला दर्ज किया है, जो नियमों के खिलाफ है। जमालपुर पुलिस ने सेक्टर 32 समराला रोड के वरिंदर कुमार के खिलाफ औद्योगिक क्षेत्र में अवैध कॉलोनी बनाने के लिए एक और एफआईआर दर्ज की है और एवन सिटी नामक इस कॉलोनी का विनियमन GLADA द्वारा रद्द कर दिया गया था।
इस बीच कूमकलां पुलिस ने भी जमालपुर के कॉलोनाइजर इंद्रप्रीत सिंह के खिलाफ गुरु नानक नगर नामक एक अवैध कॉलोनी बनाने के लिए मामला दर्ज किया है और कॉलोनाइजर ने GLADA से कोई लाइसेंस नहीं लिया था।
मेहरबान पुलिस ने गोंसगढ़ गांव में खालसा एन्क्लेव नामक कॉलोनी बनाने के आरोप में अटल नगर निवासी नछतर सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
और भी हो सकते हैं मुकदमे दर्ज
ग्लाडा अधिकारियों ने बताया कि 100 अवैध ढंग से कालोनियां काटने वालों के खिलाफ और भी मुकदमे दर्ज हो सकते हैं। ऐसे ही अवैध ढंग से कालोनियां काटने वालों के खिलाफ कई शिकायतें लंबित पड़ी हुई है।
उन शिकायतों के आधार पर जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही उक्त आरोपियों के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।
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