लुधियाना के एसडीओ द्वारा सात करोड़ की कोठी खरीदने की चर्चाएं
लुधियाना 26 जून। पंजाबभर की सभी कारपोरेशन विभाग में लोटन माफिया का पूरा दबदबा होने की चर्चाएं जोरो पर है। चर्चाएं है कि राज्य के सभी शहरों की नगर निगम में कई अफसर ऐसे हैं, जो पिछले 10-10 सालों से एक ही ऑफिस में तैनात है। ट्रांसफर न होने की वजह से वे अधिकारी अब कारिंदे बन चुके हैं। जिनकी और से विभाग की बारीकियां हासिल कर ली गई। अब उनकी बारीकियों को इस्तेमाल कर ठेकेदारों के साथ मिलकर जमकर डेवलपमेंट के नाम पर लूट की जा रही है। चर्चा है कि इस लोटन टोले की और से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि सरेआम यह लूट सभी कारपोरेशन में चल रही है। लेकिन फिर भी उच्च अधिकारियों को इसका पता नहीं चल पा रहा है।
एसडीओ लेवल के अधिकारी कर रहे स्कैम
चर्चा है कि राज्य की सभी कारपोरेशन में कई एसडीओ लेवल के अधिकारी ऐसे हैं, जिनकी ट्रांसफर ही नहीं हुई और वे एक ही जगह पर तैनात है। जबकि उनकी इतनी अच्छी सेटिंग है कि वे अपनी ट्रांसफर तक रुकवा लेते हैं। उनकी और से एक ही जगह पर रहकर अधिकारियों और विभाग की सभी बारीकियों और कार्यों की अच्छी तरह से जानकारी हासिल कर ली गई है। जिसके चलते अब उन्हीं का इस्तेमाल करके जमकर लूट की जा रही है।
ठेकेदारों के साथ मिलकर करते हैं लूट
चर्चा है कि लोटन टोले में शामिल अधिकारियों की और से ठेकेदारों के साथ मिलकर यह ठगी की जाती है। उनकी और से पहले अलग अलग एरिया में डेवलपमेंट करने के नाम पर काम ढूंढे जाते हैं। जिसके बाद उन इलाकों को सिलेक्ट किया जाता है, जहां पर पहले ही 40-50 प्रतिशत डेवलपमेंट का काम हो चुका होता है। जिसके बाद उक्त एरिया के डेवलपमेंट कार्य का एस्टीमेट बनाया जाता है। जिसमें सीएसआर (सेंट्रल शेड्यूल रेट) के आधार पर सरकारी रेट पर एस्टीमेट बनाए जाते हैं। फिर उक्त एसडीओ लेवल के अधिकारी द्वारा पार्टनर ठेकेदार को टेंडर अलॉट करवा दिया जाता है। जिसमें फिर हिस्सेदारी करके सरकार को चूना लगाया जाता है।
सीएसआर रेट पर पहले ही ठेकेदार का होता है प्रॉफिट शामिल
वहीं बता दें कि सीएसआर रेट पर सरकार द्वारा पहले ही ठेकेदार का प्रॉफिट शामिल रखा जाता है। जिसमें ठेकेदार को करीब 10 प्रतिशत प्रॉफिट मिलता है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि 10 साल से यह लोटन माफिया द्वारा सरेआम सरकार से ठगी कर अपनी जेबें भरी जा रही है। लेकिन किसी उच्च अधिकारी द्वारा इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई जा रही। इसी लिए सरकार के बाकी सरकारी विभागों में ठेकेदार कम और सिर्फ नगर निगम में सबसे ज्यादा होंगे। क्योंकि सबसे ज्यादा ठगी भी निगम में ही चलती है। जिसके चलते सरकार को अफसरों और ठेकेदारों की नेटवर्थ चैक करनी चाहिए।
लुधियाना एसडीओ ने खरीदी सात करोड़ की कोठी
वहीं चर्चाएं हैं कि लुधियाना के एक एसडीओ लेवल के अधिकारी द्वारा भी इसी तरह करोड़ों रुपए इकट्ठा किए गए हैं। उक्त एसडीओ पिछले 10 सालों से एक ही जगह पर तैनात है। जिसकी और से लुधियाना से बाहर दूसरे शहर में करीब सात करोड़ रुपए की आलीशान कोठी खरीदी गई है। चर्चा है कि लुधियाना में शोर पड़ने के डर से यह कोठी दूसरे शहर में खरीदी गई है।