जनहितैषी, 2 मई, लखनउ। प्रदेश में स्थानीय उत्पादों को मान्यता देने एवं उनकी विशेषता के आधार पर जियो टैगिंग करके जीआई टैग दिलाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण एवं परिचर्चा कार्यक्रम गुरुवार को कृषि भवन, लखनऊ के सभागार में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, कृषि रवींद्र के द्वारा सभी उपस्थित कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपने आस-पास उपलब्ध विशेष पहचान वाले उत्पादों को पहचानकर उसके साक्ष्य एकत्रित कर जीआई टैग दिलाने का प्रयास करें।
स्थानीय उत्पाद की जीआई टैग कराने से होने वाले लाभ के दृष्टिगत सभी कृषि विश्वविद्यालयों को अपने विश्वविद्यालय में इस विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने हेतु निर्देशित किया गया एवं इसमें किसी भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता हो तो पदमश्री डा० रजनीकान्त द्विवेदी से सहयोग प्राप्त करें। यह एक प्रकार से समाज के प्राचीन विशेषताओं को पहचान विकसित करने एवं समाज की समृद्धि विकसित करने का गौरवशाली कार्य है।
प्रशिक्षण एवं परिचर्चा के दौरान डा० रजनीकान्त द्विवेदी, पद्मश्री जीआई मैन द्वारा सभी गणमान्य को वर्तमान जीआई की प्रगति/स्थिति से उदाहरण के साथ समझाया गया एवं इसकी कानूनी मान्यता का औचित्य, लाभ एवं उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही देश-प्रदेश में स्थानीय स्तर पर प्रचलित स्थानीय उत्पाद की पहचान करने, उसको जीआई मान्यता दिलाने एवं मान्यता प्राप्त होने के पश्चात इसके स्थानीय आर्थिक विकास हेतु व्यापार के रूप में विकसित करने की संभावना के बारे में भी बताया गया।