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लाइव इवेंट बन रहे ब्लैक एंड व्हाइट मार्केट का जरिया ? पीएम मोदी के ट्रिलियन के सपने में एक और कील

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लुधियाना 29 दिसंबर। लुधियाना में 31 दिसंबर दो पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ का लाइव कॉन्सर्ट होने जा रहा है। लेकिन यह लाइव शो लगातार विवादों से घिरता हुआ नजर आ रहे है। लोगों में चर्चा है कि दिलजीत की तरह देश में किए जा रहे बाकी लाइव शो कही न कही ब्लैक एंड व्हाइट मार्केटिंग का जरिए तो नहीं बनते जा रहे। चर्चा है कि इन इवेंटों के जरिए बड़ा हेरफेर किया जा रहा है। लेकिन सीबीआई, ईडी, विजिलेंस, जीएसटी व इनकम टैक्स विभाग समेत बााकी सरकारी एजेंसियां इस पर ध्यान नहीं दे पा रही। दरअसल, दिलजीत के लुधियाना शो को लेकर टिकट ओपन होते ही कुछ मिनटों में सभी टिकट बिकने और हाउस पैक होने के दावे किए गए थे। जिसके बाद जमकर टिकट की ब्लैक मार्केटिंग हुई। लेकिन अब वहीं टिकट असली दाम से भी कम रेट पर बेची जा रही है। चर्चा है कि अगर पहले ही टिकट सॉल्ड आउट हो गई थी, तो अब कैसे बेची जा रही है। चर्चा है कि इन इवेंट्स के जरिए 20 रुपए की चींज को 20 हजार की दिखाकर बिल तैयार किए जाते हैं। जिससे ब्लैक मनी को व्हाइट बनाया जाता है। ऐसे ही कुछ फैक्टर देखकर लगता है कि कही न कही इवेंट ऑर्गनाइजर कंपनियों द्वारा इवेंट की आढ़ में बड़ा खेल किया जा रहा है। लाइव शो के अलावा एग्जीबिशन व अन्य फंक्शन ऑर्गनाइज करने वाली ऑर्गनाइजर कंपनियां सवालों के घेरे में है। हालांकि अगर लाइव इवेंटों की आढ़ में भी पैसे को ब्लैक से व्हाइट किया जा रहा है तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच ट्रीलियन इकॉनमी के सपने में एक बड़ा कील है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार द्वारा इन पर नकेल कसी जा सकेगी या नहीं।

मल्टीनेशनल ब्रांड्स की साख दाव पर
दिलजीत के शो में किंगफिशर, सारेगामा, कोका कोला और जॉनी वॉकर जैसी नामी कंपनियां पार्टनर है। ऐसे ही दूसरे लाइव इवेंटों में भी मल्टीनेशनल ब्रांड्स पार्टनर होते हैं। लेकिन अगर ऐसे कॉन्सर्टों के जरिए ब्लैक एंड व्हाइट मार्केटिंग की जा रही है तो इन नामी ब्रांड्स की साख भी दाव पर है। चर्चा है कि बेशक कंपनी के मालिकों को इसके बारे में न पता हो, लेकिन नीचे सत्र के अधिकारी व कर्मियों द्वारा जमकर इसका फायदा उठाए जाने के संकेत है। ऐसे में इन कंपनियों को अपनी साख बरकरार रखने के लिए ध्यान देने की जरुरत है।

कही काटे जा रहे पेड़, कही सरकारी दीवारों पर हो रही पेटिंग
वहीं दिलजीत के कॉन्सर्ट को लेकर पीएयू में हरे भरे पेड़ तक काट दिए गए हैं। वहीं यह एक प्राइवेट शो हैं, न तो इसमें कोई चैरिटी है और न ही सरकारी समारोह है। जिसके बावजूद सरकारी दीवारों पर इश्तेहार के लिए पेटिंग कर दी जा रही है, कही बिजली के खंभों पर बोर्ड लगा दिए जा रहे हैं। शहरवासियों का कहना है कि पहली बार ऐसे हालात देखने को मिले हैं। लेकिन मौजूदा पंजाब सरकार इस पर रोक लगाने में नाकामयाब साबित हो रही है।

टेक्नोलॉजी का सहारा ले हो रही ब्लैक मार्केटिंग
ब्लैक मार्केटिंग करना भारत में कानूनी अपराध है। चर्चा है कि दिलजीत के शो की टिकटें बुकिंग के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर ब्लैक मार्केटिंग हुई है। दरअसल, किसी भी मूवी की टिकट अगर एक आईडी से ली जाती है, तो 2 से 3 टिकट से ज्यादा नहीं मिल पाती। मगर दिलजीत के शो के लिए जोमेटो लाइव पर ऑनलाइन टिकटें एक आईडी से 5 से 10 भी मिली। चर्चा है कि दिलजीत के ऑगर्नाइजरों व ब्लैक मार्केटिंग करने वालों द्वारा यह टिकटें खरीदी गई और शो को शुरुआत में ही सोल्ड आउट दिखा दिया। जोमेटो जैसी फेम्स कंपनी द्वारा इसे रोका तक नहीं गया। चर्चा है कि जोमेटो द्वारा टेक्नॉलजी का सहारा तो लिया, लेकिन वह सिर्फ दिलजीत को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। लेकिन फिर भी साइबर टीमों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

ऐसे होता है ब्लैक एंड व्हाइट का खेल
दरअसल, लाइव इवेंट्स एक ऐसी चीज है, जिसमें खर्च की रकम को बोग्स बिलिंग के जरिए 5 से 10 गुना तक बढ़ाकर भी दिखाया जा सकता है। एक 100 रुपए की चींज को 10 हजार की भी दिखाया जा सकता है। इस तरह करके इवेंट में इन्वेस्टमेंट करने वाली नामी कंपनियां अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट में बदल लेती है। इसी के चलते शो के ज्यादातर टिकट बेचने का दावा किया जाता है, ताकि बाद में दिखाया जा सके कि शो की सभी टिकट बिक गई और काफी खर्च हुआ, जिसके बाद इसमें हेरफेर होता है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि 2010 में इंडिया में हुई कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐसे ही कुछ देखने को मिला था।

300 के साबुन 10 हजार, 9 लाख की मशीन का दो करोड़ बनाया बिल
2010 में भारत में हुई कॉमनवेल्थ गेम्स की आढ़ में भ्रष्टाचार का ऐसा महाखेल खेला जिसके बाद दुनियाभर में भारत गलत वजहों से सुर्खियों में आ गया। इन गेम्स के जरिए देश को 70 हजार करोड़ रुपए का चूना लगाया गया। इस पूरे घोटाले में मुख्य आरोपी पूर्व कांग्रेस सासंद सुरेश कलमाड़ी थे, जो आयोजन समिति के अध्यक्ष भी थे। इस गेम्स की आढ़ में कलमाड़ी ने कम पैसों की चीजें 100 से 200 गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी हुई दिखाई। गेम्स के लिए एक हजार करोड़ के 4 स्टेडियम बनाए जाने थे। मगर इन्हें बनाने में दोगुने से भी ज्यादा 2400 करोड़ रुपये खर्च किए। 80 रुपए का टॉयलेट पेपर 6400, 3486 रुपए का बाथरुम का शीशा 17600 रुपए, 300 रुपए का साबुन का डिस्पेंसर 10 हजार, 9 लाख की एल्टीट्यूब ट्रेनिंग मशीन दो करोड़ का खरीदने का बिल दिखाया गया। इसी तरह करके धोखाधड़ी की गई। हालांकि इस मामले में सुरेश कलमाड़ी को सीबीआई ने गिरफ्तार भी किया और वह जेल भी गया।

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