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कानूनी-अड़ंगा ! हरियाणा में 15 फीसदी कोटे से ज्यादा मंत्री बनाने का विवाद

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हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर संविधान के 91वें संशोधन का उल्लंघन बताया

चंडीगढ़ 19 अक्टूबर। हरियाणा में सैनी-02 सरकार की कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के अभी पोर्टफोलियो तक नहीं मिले कि कानूनी अड़ंगा लग गया। दरअसल सूबे की इस 15वीं विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री बनाए जाने पर विवाद पैदा हो गया।

जानकारी के मुताबिक इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। जिसमें कहा गया है कि सरकार ने संविधान के 91वें संशोधन का उल्लंघन किया है। हाईकोर्ट इस याचिका पर जल्द ही सुनवाई करेगा। यह याचिका एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी द्वारा दायर की गई है।

इस याचिका में कहा गया है कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत किसी भी राज्य में मंत्रियों की संख्या, विधानसभा में विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। हरियाणा विधानसभा में कुल 90 विधायक हैं, इसलिए कैबिनेट में अधिकतम 13.5 मंत्री ही हो सकते हैं। जबकि वर्तमान में हरियाणा सरकार में 14 मंत्री हैं, जो इस संशोधन का उल्लंघन है।

याचिका में सीएम, मंत्री बनाए प्रतिवादी :

इस याचिका में हरियाणा के मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्रियों को प्रतिवादी बनाया गया है। इसके अलावा, केंद्र सरकार और हरियाणा विधानसभा को भी याचिका में प्रतिवादी बनाया गया है। याची ने यह भी उल्लेख किया है कि 13वीं और 14वीं विधानसभा में भी इसी प्रकार 14 मंत्री बनाए गए थे, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इस बार भी मामला इसी प्रकार का है, जिसे लेकर अब फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। अब देखना होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है और क्या हरियाणा सरकार को मंत्रियों की संख्या में कटौती करनी पड़ सकती है।

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