लुधियाना
, 19 अगस्त। महानगर में इन दिनों नगर निगम में सियासी-माहौल गर्म है। दरअसल सत्ताधारी आम आदमी
पार्टी के लुधियाना नॉर्थ से विधायक चौधरी मदन लाल बग्गा विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। उनके एक बेटे अमन बग्गा कौंसलर हैं और दूसरे बेटे गौरव बग्गा को नगर निगम में लीगल एडवाइजर बना लिया गया था।
ऐसे पकड़ा मामले ने तूल :
गौरतलब है कि गत दिनों विधायक के बेटे गौरव को निगम की एफएंडसीसी में बतौर लीगल एडवाइजर बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया तो सत्ताधारी खेमे में खलबली मची। बाकायदा इसकी शिकायत सीएम, गवर्नर समेत तमाम संबंधित अफसरों और विजिलेंस ब्यूरो से की गई थी। शहर के सलेमटाबरी इलाके के कांग्रेसी नेता रेशम सिंह ने इस मुद्दे पर खुलकर आवाज उठाई थी। उनका इलजाम था कि सियासी-दबाव में विधायक पुत्र गौरव को निगम में लीगल एडवाइजर बना 2023 में आउटसोर्स पर एक साल के लिए रखा गया था। फिर पिछले साल उनको पांच साल का विस्तार भी दे दिया। हद ये कि उनको निगम के जोन ए में अलग दफ्तर देकर बीस मुलाजिम भी उनकी सेवा में लगा दिए गए। जो उनके घर और पार्टी आफिस में भी सेवा करते हैं।
विपक्ष के तकनीकी आरोप :
कभी भाजपा में रहते डिप्टी मेयर बने आरडी शर्मा अब शिअद में हैं। वह भी इस मामले को सोशल मीडिया में उठा चुके हैं और इन आरोपों की तस्दीक करते हैं। विपक्षी दलों के नेता तकनीकी सवाल उठा रहे हैं कि निगम की एफएंडसीसी की मीटिंग में गत नवंबर के दौरान सीधे तौर पर विधायक पुत्र गौरव को सीधे निगम से वेतन देने का प्रस्ताव रखा गया था। उनके निगम से जुड़े होने का हवाला दिया गया, जबकि पूरे पंजाब तो क्या देशभर में ऐसा कोई नियम नहीं है। आप विधायक के बेटे को निगम में बतौर लीगल एडवाइजर वेतन देने का फैसला लेने पर उन्होंने मेयर प्रिंसिपल इंदरजीत कौर और सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर को ‘बधाई’ भी दी थी। विपक्ष की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बीजेपी जिला प्रधान रजनीश धीमान भी इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए जांच की मांग कर चुके हैं।
सीनियर डिप्टी मेयर पराशर ने बचाव में दिए तर्क :
आम आदमी पार्टी के विधायक अशोक पराशर पप्पी के भाई और लुधियाना के सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर ने भी विपक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने सियासी-लहजे में दलील दी कि अगर सत्ताधारी विधायक के बेटे को निगम में लीगल एडवाइजर बनाया गया था, तब विपक्षी क्यों खामोश थे ? यह कुल मिलाकर सियासी-मुद्दा बनाया जा रहा है। हालांकि वह पूर्व डिप्टी मेयर आरडी शर्मा के इस सवाल का जवाब देने से बचे कि आखिर अब विधायक पुत्र को वेतन देने के फैसले पर सत्ताधारी बैकफुट पर क्यों आ गए। वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर पराशर ने ‘यूटर्न टाइम’ द्वारा कई बार संपर्क करने पर विधायक पुत्र का पक्ष ना मिलने पर कहा कि वह भी फोन पर संपर्क कर प्रयास करेंगे कि उनकी बात भी सामने आए।
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