जगरांव 30 जुन। मुल्लापुर दाखां के नजदीक स्थित तलवंडी धाम डेरे के संत शंकरा नंद की पिछले दिनों अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद सुर्खियों में आए तलवंडी धाम के इस डेरे के साथ जुड़े विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।

मुल्लापुर दाखां के स्थित तलवंडी धाम डेरे के संत शंकरा नंद कीअश्लील वीडियो वायरल होने के बाद सुर्खियों में आए तलवंडी धाम

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वॉर्ड वासियों का कहना वॉर्ड का असली निगम सर्टिफाइड कौंसलर कौन

राजदीप सिंह सैनी

लुधियाना 30 जून। लुधियाना की राजनीति में एक नया ही ट्रेंड चल पड़ा है। पहले तो चुनाव जीते हुए लीडरों द्वारा अपने नाम के साथ कौंसलर लगाया जाता था, लेकिन अब नए ट्रेंड में हारने वाले लीडरों ने भी अपने नाम के साथ कौंसलर पद नाम रखना जारी रखा हुआ है। पहले जहां नगर निगम चुनाव हारने के बाद वॉर्ड 62 से कांग्रेसी नेता सुरेश शर्मा ने अपने बोर्ड लगाकर खुद को स्वयंभू कौंसलर घोषित कर दिया था। वहीं अब वॉर्ड 72 से कांग्रेस पार्टी से हारे हुए कौंसलर इंजीनियर बलजिंदर सिंह बंटी की और से इलाके में अपने बोर्ड लगा दिए हैं। जिसमें बकायदा लिखा है कि वे कौंसलर हैं। जिसके चलते वॉर्ड 72 के लोग अब इस दुविधा में पड़ चुके हैं कि आखिर कौंसलर बलजिंदर सिंह बंटी है या कपिल कुमार सोनू हैं। वे अपने काम कराने के लिए किसके पास जाए। आखिर नगर निगम से सर्टिफाइड कौंसलर कौन है। क्या यह जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।

निगम चुनाव में कांग्रेसी टिकट से हारे थे बंटी

वैसे तो नेता बलजिंदर बंटी द्वारा यह बोर्ड क्यों लगाए गए, यह कहना मुश्किल हैं। लेकिन असलियत में अगर चुनावों की बात करें तो दिसंबर 2024 में हुए नगर निगम लुधियाना के चुनाव में नेता वॉर्ड 72 से कपिल कुमार सोनू की और से आम आदमी पार्टी और इंजीनियर बलजिंदर सिंह बंटी की और से कांग्रेस पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ा था। जिसमें कपिल कुमार सोनू भारी वोट के फर्क से जीते थे। लेकिन बलजिंदर बंटी दूसरे नंबर पर रहे थे। जबकि अगर बात करें नगर निगम की तो वहां पर बतौर कौंसलर कपिल कुमार सोनू का नाम रजिस्टर्ड है। लेकिन अब बंटी द्वारा लगाए बोर्ड ने इस बात के लिए भी लोगों को दुविधा में डाल दिया है। जबकि हलका वेस्ट के उपचुनाव के दौरान बंटी आप पार्टी में शामिल हो गए थे।

नेताओं को हुआ कुर्सी का फोबिया

शहर में चर्चा है कि हारने पर भी लीडरों द्वारा अपने बोर्ड लगाकर खुद को कौंसलर बताया जा रहा है। लोगों में चर्चा है कि लीडरों को कुर्सी का इतना फोबिया हो चुका है कि वे हारने के बावजूद भी कुर्सी का लगाव कम नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते वे आज भी लोगों में खुद को वहीं पद पर होने के दावे कर रहे हैं।

असंवैधानिक तरीके से लगे है बोर्ड

वहीं अगर नियमों की बात करें तो कोई भी व्यक्ति इस तरीके से खड़ा होकर शहर में खुद को कौंसलर, विधायक व सांसद बताकर बोर्ड नहीं लगा सकता है। यह एक तरीके से असंवैधानिक गतिविधि है। इसमें सीधे तौर पर सरकार और मेयर को शिकायत की जा सकती है। जिसमें बकायदा एक्शन लेना भी जरुरी है। क्योंकि इसके जरिए लोगों को धोखा किया जा सकता है।

बंटी – जियोना अनख नाल, चर्चा – लेकिन झूठ बोलकर नहीं

वहीं बलजिंदर सिंह बंटी की और से अपने बोर्ड पर लिखा है कि जियोना अनख नाल, मरना कौम लई। वहीं लोगों ने इस पर कटाक्ष करते कहा कि जियोना जरुर अनख के साथ चाहिए, लेकिन इस तरह झूठ बोलकर नहीं। लोगों में चर्चा छिड़ी है कि आखिर पूर्व पार्षद भी बोर्ड पर लिखा जाता तो क्या फर्क था। क्योंकि लीडर कुर्सी से नहीं बल्कि अपने किए कार्यों से पहचान बनाता है।

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