ग्यासपुरा ओसवाल इंडस्ट्री के पास गलत तरीके से बनाई सड़क तोड़ने का मामला
राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना 3 सितंबर। शनिवार को जीटी रोड पर ग्यासपुरा स्थित ओसवाल इंडस्ट्री के एकदम साथ लगती सड़क नियमों के तहत न बनाने और घोटाला के आरोप के तहत डिप्टी मेयर प्रिंस जौहर द्वारा उसका काम रुकवा दिया गया था। डिप्टी मेयर के आदेशों पर मंगलवार को सड़क तोड़ दी गई। जिसके बाद शहर के कई राजनेता और निगम के उच्च अफसर भी वाहवाही लूटने में लगे हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इस 48 लाख की लागत से बनने वाली सड़क में लापरवाही करने वाले ठेकेदार कैपिटल कंट्रक्शन कंपनी के आत्मजोत सिंह, नगर निगम के एक्सियन राकेश सिंगला, एसडीओ शशिकांत और जेई कुलविंद्र पाल सिंह पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। जबकि सड़क तुड़वाने से साफ जाहिर है कि इस सड़क को बनाने में बड़ा हेरफेर किया जा रहा था। वैसे तो चुपचाप सड़क बन जानी थी, लेकिन मामला विवादों में आने के बाद सच सबके सामने आ गया और इसे तोड़ा गया। अब देखना होगा कि ठेकेदार और अफसरों पर लापरवाही करने और सरकारी खजाने को चूना लगाने पर प्रशासन द्वारा क्या एक्शन लिया जाता है।
निगम कमिश्नर और डिप्टी मेयर भी चुप
जानकारी के अनुसार नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को डिप्टी मेयर प्रिंस जौहर द्वारा मौके पर फोन करके पूरी जानकारी दी गई थी। बेशक कमिश्नर ने काम रुकवा दिया। सड़क को तोड़ भी दिया। जिसका खमियाजा अकेले ठेकेदार को भुगतना पड़ेगा। लेकिन इस सड़क निर्माण में मिलीभगत के चलते ही लापरवाही करने के भी आरोप लगे हैं। मगर अफसरों पर अभी तक कमिश्नर और डिप्टी मेयर द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया। बेशक डिप्टी मेयर द्वारा शनिवार से ही कार्रवाई के लिए लिखित में भेजने की बात कही जा रही है। लेकिन तीन दिन बीतने पर भी न तो उन्होंने लिखित में भेजा और न ही कोई कार्रवाई हो सकी।
क्या मिसाल हो सकेगी कायम
सड़क तोड़कर लोगों का पैसा बर्बाद होने से बचाना तो ठीक है, लेकिन अफसरों पर एक्शन लेकर भी मिसाल कायम की जाएगी या नहीं। चर्चा है कि इन अफसरों द्वारा इस सड़क में हेरफेर नहीं किया जा सका तो दूसरी जगह कर लिया जाएगा। फिर ऐसे इन पर लगाम कैसे लग सकेगी। इसी के चलते ऐसे गलत अफसरों पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई जरुरी है, ताकि फिर आगे ऐसा कोई अधिकारी न कर सके।
मौके पर नहीं था कोई भी अधिकारी मौजूद
जानकारी के अनुसार इस सड़क को बनाने का कांन्ट्रेक्ट करीब 48 लाख रुपए में कैपिटल कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार आत्मजोत को दिया गया था। नियमों के मुताबिक आरएमसी सड़क बनाने के लिए पहले मिट्टी डालकर फिर बैटमिक्स डाला जाता है। लेकिन आरोप है कि मिट्टी के ऊपर सीधा आरएमसी डाली जा रही थी। जबकि बैटमिक्स डाला ही नहीं। वहीं बैटमिक्स डालने के दौरान निगम अधिकारी मौके पर मौजूद होने जरुरी होते हैं। ठेकेदार का कहना है कि उन्होंने मुलाजिमों को सूचित किया था। एक्सियन राकेश सिंगला का कहना है कि उन्हें पता ही नहीं है। जिस कारण डिप्टी मेयर ने काम रुकवा दिया और सड़क दो दिन बाद ही खराब हो गई। जबकि ठेकेदार व एक्सियन ने सड़क 5-10 घंटे में सुखकर तैयार होने के दावे किए थे।
25 साल से एक ही जगह तैनात एक्सियन सिंगला का क्या होगा तबादला
जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बड़ी जिम्मेदारी एक्सियन राकेश सिंगला की थी। लेकिन उन्होंने उसे नहीं निभाया। चर्चा है कि राकेश सिंगला पिछले 25 साल से निगम जोन-सी में तैनात है। यहीं पर जेई से लेकर वे एक्सियन तक पहुंचे। उनकी कई बार ट्रांसफर हुई, लेकिन दूसरी जगह कुछ दिन बीताने के बाद वे वापिस इसी जोन में आ जाते हैं। चर्चा है कि अफसरों की एक ही जगह तैनाती होने के चलते ठेकेदारों से अच्छी दोस्ती हो जाती है। जिसके बाद ऐसे स्कैम सामने आते हैं। नियमों के मुताबिक एक अधिकारी एक जगह तीन साल से ज्यादा ड्यूटी नहीं कर सकता। चर्चा है कि सिंगला की उच्च सत्र पर अच्छी जान पहचान के चलते उनकी ट्रांसफर नहीं हो सकी।
सड़क को सुखने का नहीं मिला समय
वहीं ठेकेदार आत्मजोत सिंह का कहना है कि सड़क गटका डालकर ही बनाई गई थी। शनिवार को काम बंद करते समय दोनों तरफ एंट्री भी बंद की थी। लेकिन लोगों ने उसे हटा दिया और वाहन उसके ऊपर से गुजरते रहे। जिस कारण सड़क को सुखने का समय नहीं मिला और टायरों के निशान बन गए। सड़क को सुखने का समय नहीं मिला। दोबारा से सही तरीके से पूरी सड़क बनाई जाएगी।
ठेकेदार और अफसरों पर 100 प्रतिशत होगा एक्शन
डिप्टी मेयर प्रिंस जौहर ने कहा कि बाढ़ के कारण वे व्यस्त थे। जिस कारण वे ऑफिस नहीं जा सके। लेकिन इसके लिए पत्र जारी किया जा रहा है। लापरवाही करने पर ठेकेदार और अफसरों पर 100 प्रतिशत एक्शन होगा। वहीं डिप्टी मेयर से किसी तरह के दबाव की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वे बिना किसी दबाव के पहले की तरह एक्शन लेंगे।