जेल में बंद सांसद अमृतपाल के माता-पिता हाउस अरेस्ट, एमपी सरबजीत और मान के घर पर भी फोर्स तैनात की
चंडीगढ़, अमृतसर 7 जनवरी। खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के माता-पिता को अमृतसर के जल्लूखेड़ा गांव में हाउस अरेस्ट किया गया है। जबकि फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा और संगरूर से पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान को भी उनके घरों में नजरबंद किया गया।
जानकारी के मुताबिक तीनों मंगलवार को सिख बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर मोहाली में चल रहे कौमी इंसाफ मोर्चे के धरने में शामिल होने वाले थे। उधर, कौमी इंसाफ मोर्चे के दो साल पूरे होने पर होने वाले कार्यक्रम से पहले प्रदर्शनकारियों ने चंडीगढ़ कूच की कोशिश की। कुछ प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ में घुस गए। चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को सैक्टर 43 में रोक लिया। पुलिस ने उन पर हल्का बल भी प्रयोग किया। फिर चार बसों में भरकर उन्हें थाने ले जाया गया।
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वापस लौटने का ऐलान करते हुए कहा कि 25 जनवरी को मोहाली में महापंचायत होगी। जिसमें बंदी सिखों की रिहाई का मुद्दा उठाया जाएगा। तरसेम सिंह ने कहा कि कौमी इंसाफ मोर्चा का दूसरा साल है, वहां पर बहुत बड़ा समागम हो रहा है। हमें उसमें शामिल होना था, लेकिन कल रात से ही पूरे गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। गांव की घेराबंदी की जा रही है, गांव में भी आतंक का माहौल बनाया जा रहा है। लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सूबे की आप सरकार लोगों को अपना गुस्सा जाहिर करने का अधिकार ना देकर लोकतंत्र को खत्म कर रही है। ये बहुत ही शर्मनाक बात है। जब भी लोग किसी मुद्दे पर बात करने के लिए एक साथ आते हैं, तो उन्हें रोकना नहीं चाहिए। तरसेम सिंह ने लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में मोर्चे पर पहुंचकर उनका समर्थन करें तथा जेल में बंद हमारे सिखों के अधिकारों की रक्षा करें। वारिस पंजाब दे संगठन की चौथी सालगिरह पर 28 सितंबर 2024 को अमृतपाल सिंह का परिवार गोल्डन टेंपल में माथा टेकने पहुंचा था।
तरसेम सिंह ने कहा था कि दिल्ली बैठे नेता जो चाहते हैं, वो कर रहे हैं। हो सकता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी बदल दिया जाए, फिर चाहे उनकी सेहत का ही बहाना क्यों ना लगाया जाए। पंजाब की जवानी को बचाने के लिए ही पार्टी बनाने का ऐलान किया गया है, क्योंकि अगर पंजाब की जवानी बचेगी तो ही संविधान और एजेंडे बन पाएंगे।
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