जीरकपुर ,चंडीगढ़, 21 अगस्त।
पहाड़ों में हुई लगातार बारिश और सुखना लेक के फ्लड गेट खोले जाने के बाद बीती रात जीरकपुर क्षेत्र में सुखना चौ का जलस्तर अचानक बढ़ गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि बलटाना क्षेत्र के कॉजवे (पुलनुमा रास्ता) के ऊपर से बरसाती पानी बहने लगा। तेज बहाव ने न केवल कॉजवे की ग्रिल तोड़ दी, बल्कि किनारों की मिट्टी भी बहाकर ले गया। इससे पूरे इलाके में दहशत और अफरातफरी का माहौल बन गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रात करीब 7 बजे पानी का स्तर तेजी से बढ़ा। देखते ही देखते बरसाती पानी कॉजवे के ऊपर से बहने लगा। पानी का दबाव इतना अधिक था कि लोहे की सुरक्षा ग्रिल टूटकर बह गई और सड़क का किनारा भी क्षतिग्रस्त हो गया। कई राहगीरों ने स्थिति को देखकर तुरंत प्रशासन को सूचित किया।
सूचना मिलते ही जीरकपुर प्रशासन और बलटाना पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। पुलिस ने तुरंत कॉजवे वाले रास्ते को बंद कर दिया ताकि कोई दुर्घटना न हो। साथ ही लोगों को वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल करने की सलाह दी गई। रातभर पुलिस और नगर परिषद के कर्मचारी मौके पर डटे रहे और पानी की स्थिति पर नजर बनाए रखी।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कई सालों से बरसात के मौसम में यह कॉजवे सबसे अधिक प्रभावित होता है। हर बार बरसाती पानी यहां से गुजरता है और नुकसान पहुंचाता है, लेकिन अभी तक इसका स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। इस बार पानी का बहाव इतना तेज था कि कई लोगों की बाइक और कारें भी बीच रास्ते फंस गईं, जिन्हें बाद में स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया।
इधर, प्रशासन का कहना है कि प्राथमिक तौर पर क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने का काम तुरंत शुरू किया जाएगा। वहीं स्थायी समाधान के लिए इंजीनियरिंग टीम को मौके पर भेजकर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि बरसात के दौरान अनावश्यक रूप से नाले और काजवे वाले रास्तों से गुजरने की कोशिश न करें, क्योंकि खतरा लगातार बना हुआ है।
रातभर की अफरातफरी के बाद बुधवार सुबह तक हालात काबू में आ गए थे, लेकिन कॉजवे की टूटी ग्रिल और बह चुकी मिट्टी इस बात की गवाही दे रही थी कि पिछली रात पानी का बहाव कितना खतरनाक था।