श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने बनाया नया नियम EPFO से निकाल सकेंगे 100% पैसा,अब सिर्फ 3 शर्तें; पहले से इतना आसान हुआ विड्रॉल

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सदस्यों के लिए पीएफ खाते से 100% राशि निकालने की अनुमति दी है। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में यह फैसला हुआ, जिससे शिक्षा, विवाह और बीमारी जैसी जरूरतों के लिए निकासी आसान हो जाएगी। आंशिक निकासी के नियमों को सरल बनाया गया है, और अब 12 महीने की सेवा के बाद निकासी की जा सकती है। खाते में 25% न्यूनतम राशि बनाए रखना अनिवार्य है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 7 करोड से ज्यादा सदस्यों के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब ईपीएफओ के सदस्य जरूरत पड़ने पर अपने पीएफ खाते से 100% यानी पूरा पैसा निकाल (100% PF withdrawal) सकेंगे। सरकार ने इस कदम को लोगों के “ईज़ ऑफ लिविंग” यानी जिंदगी आसान बनाने की दिशा में बड़ा सुधार बताया है। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया।
13 नियमों को सिर्फ 3 श्रेणियों में समेटा
सोमवार को हुई बैठक में ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT), जिसकी अध्यक्षता श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने की, ने कई अहम फैसलों को मंजूरी दी। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि EPF से आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) के नियमों को पूरी तरह सरल और लचीला बना दिया गया है। पहले 13 अलग-अलग जटिल नियम थे, जिन्हें अब तीन श्रेणियों में समेटा गया है-
1. आवश्यक जरूरतें जैसे- बीमारी, शिक्षा और शादी
2. हाउसिंग जरूरतें
3. विशेष परिस्थितियां।
आंशिक निकासी का समय घटा 12 महीने किया
शिक्षा के लिए पैसे निकालने की सीमा 10 गुना, और शादी के लिए 5 गुना तक कर दी गई है। अभी तक कुल मिलाकर सिर्फ 3 बार निकासी की अनुमति थी। पहले किसी भी आंशिक निकासी के लिए कम से कम 5 साल की सेवा जरूरी थी, लेकिन अब इसे घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दिया गया है।
मिनिमम बैलेंस” के रूप में रहेगी 25% रकम
“स्पेशल सर्कमस्टैंसेस” वाले मामलों में पहले सदस्य को कारण बताना पड़ता था- जैसे प्राकृतिक आपदा, महामारी, बेरोजगारी या लॉकआउट। इस वजह से कई दावे खारिज हो जाते थे। अब इस कैटेगरी में बिना वजह बताए भी निकासी की जा सकेगी। EPFO ने यह भी तय किया है कि सदस्य के खाते में हमेशा 25% रकम “मिनिमम बैलेंस” के रूप में बनी रहेगी, जिससे खाते पर 8.25% ब्याज और कंपाउंडिंग का फायदा मिलता रहेगा। यानी जरूरत के वक्त पैसे निकालने की आजादी भी, और रिटायरमेंट फंड का फायदा भी बरकरार रहेगा।
EPFO का कहना है कि अब आंशिक निकासी के 100% दावे ऑटोमैटिकली सेटल हो सकेंगे, वो भी बिना किसी डॉक्युमेंटेशन के। इसके अलावा, फाइनल सेटलमेंट के नियमों में भी बदलाव हुआ है- अब PF का प्रीमैच्योर सेटलमेंट 2 महीने की बजाय 12 महीने, और पेंशन निकासी 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने में की जा सकेगी। बैठक में “विश्वास स्कीम (Vishwas Scheme)” को भी मंजूरी दी गई, जिसका मकसद पेनल्टी मामलों में मुकदमेबाजी घटाना है। अब देर से जमा किए गए PF पर पेनल्टी सिर्फ 1% प्रति माह होगी।
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, मई 2025 तक ऐसे मामलों में 2,406 करोड़ रुपए की पेनल्टी लंबित है और 6,000 से ज्यादा केस अदालतों में चल रहे हैं। यह स्कीम 6 महीने चलेगी और जरूरत पड़ने पर 6 महीने और बढ़ाई जा सकेगी। EPFO ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) से समझौता कर EPS-95 पेंशनर्स को उनके घर पर ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू की है। इसके लिए पेंशनरों को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
“करोड़ों कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा”
बैठक में “EPFO 3.0 डिजिटल फ्रेमवर्क” को भी मंजूरी मिली, जिससे PF सेवाएं अब बैंकिंग की तरह पूरी तरह डिजिटल और ऑटोमेटेड होंगी। इसमें मल्टीलिंगुअल सेल्फ-सर्विस, इंस्टेंट क्लेम और ऑनलाइन निकासी की सुविधा शामिल होगी। CBT ने PF के डेट पोर्टफोलियो प्रबंधन के लिए चार नए फंड मैनेजरों की नियुक्ति को भी मंजूरी दी, ताकि निवेश पर बेहतर रिटर्न मिल सके। श्रम मंत्री मांडविया ने कहा कि इन फैसलों से EPFO की सेवाएं पारदर्शी, तेज और टेक्नोलॉजी आधारित बनेंगी और करोड़ों कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा।