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कुवैत अग्निकांड

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दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में 12 जून को सात मंजिला इमारत में आग में झुलसने सें 45 भारतीयो की मौत हुई थी जिन्हें आज वायुसेना के सुपर हरक्युलिस विमान से कोच्चि लाया गया । केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने दी कुवैत अग्निकांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और परिजनों को मदद का भरोसा दिलाया
दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में सात मंजिला इमारत के रसोईघर में भीषण आग लगने से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हुई थी और 50 अन्य घायल हुए थे। इनमें से 45 भारतीय थे और शेष पाकिस्तान, फिलिपीन, मिस्र और नेपाल के नागरिक थे। इमारत में 195 प्रवासी मजदूर रहते थे। यूपी के मृतकों की पहचान वाराणसी के माधव सिंह, गोरखपुर के जयराम गुप्ता और अंगद गुप्ता के रूप में हुई है। वहीं, आंध्र प्रदेश के मृतकों में श्रीकाकुलम जिले के टी लोकानंदम, पश्चिम गोदावरी जिले के एम सत्यनारायण और एम ईश्वरुडु की पहचान की गई है।
अरब टाइम्स ने कुवैत के प्रथम उप प्रधानमंत्री शेख फहद अल-यूसूफ अल-यूसुफ के हवाले से बताया कि अधिकारियों ने अब तक 48 शवों की पहचान की है। कुवैत से 45 शवों को लेकर रवाना हुआ था। पहले यह विमान केरल के कोच्चि में उतरा, क्योंकि ज्यादातर मृतक वहीं के थे। इसके बाद विमान दिल्ली आएगा। यहां से शव संबंधित राज्यों में भेजे जाएंगे।
केरल सरकार ने किया मदद का एलान
केरल सरकार ने परिजनों को 5-5 लाख रुपये की मदद की घोषणा की है। इस बीच, भारत के विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत पहुंच गए हैं। वहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की है। सिंह स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर शवों को भारत लाने के प्रयास में जुटे हैं। वहीं, कुवैत प्रशासन ने शवों की पहचान स्थापित करने के बाद वादा किया कि वह हादसे की त्वरित जांच करेगा और शवों को वापस भेजने में पूरी मदद करेगा। पता चला है कि इमारत में 196 श्रमिक रखे गए थे। एक दिन पहले यह संख्या 160 बताई गई थी।

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