ऊधम सिंह नगर स्थित भारतीय विद्या मंदिर में कक्षा पहली और दूसरी के छात्रों के लिए अध्यापिका श्रीमती सिमकी द्वारा एक जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की गई। इस सत्र का उद्देश्य नन्हे विद्यार्थियों को ‘अच्छे और बुरे स्पर्श’ के बारे में शिक्षित करना था, ताकि वे अपने आस-पास होने वाली स्थितियों को समझ सकें और आवश्यक होने पर सही कदम उठा सकें।
बच्चों को समझाया स्पर्श का महत्व
सत्र के दौरान श्रीमती सिमकी ने बच्चों को बताया कि अच्छा स्पर्श प्रेम, सम्मान और स्नेह का प्रतीक होता है—जैसे माता-पिता का आलिंगन या दोस्तों का हाथ मिलाना। ये हमें आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना प्रदान करते हैं। वहीं, बुरा स्पर्श वह होता है जिससे बच्चे असहज, डरे या असुरक्षित महसूस करें। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी भावनाएं खुलकर व्यक्त करने और किसी भी असहज परिस्थिति में तुरंत मदद लेने के लिए प्रेरित किया।
प्रधानाचार्या ने सत्र को बताया उपयोगी
प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा गुप्ता ने कहा कि इस तरह के सत्र विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम बच्चों को आत्मरक्षा के प्रति सजग बनाते हैं और उन्हें समाज में सुरक्षित महसूस करने में सहायता प्रदान करते हैं।





