मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 280, चार और शहर की हालत चिंताजनक
पंजाब 9 नवंबर। सूबे में पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिसका असर पंजाब के साथ ही सूबे की राजधानी चंडीगढ़ में साफ नजर आ रहा है।
एक्सपर्ट टीम आएगी :
जानकारी के मुताबिक अभी तक पंजाब में पराली जलाने के 5299 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। जिनमें से 3162 मामले सिर्फ बीते 10 दिन में दर्ज किए गए। पंजाब में सख्ती के बावजूद इसे रोकना मुश्किल हो रहा है। इन्हीं इंतजामों को देखने के लिए 13 नवंबर को एक टीम पंजाब पहुंच रही है।
चंडीगढ़ भुगत रहा सजा :
यहां काबिलेजिक्र है कि पंजाब में पराली जलाना ना रुकने के कारण चंडीगढ़ रेड जोन में पहुंच चुका है। जबकि पंजाब के 5 जिले ओरेंज अलर्ट पर हैं। चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि एक्यूआई शनिवार मध्यरात्रि 325 और अधिकतम 408 दर्ज किया गया। वहीं, पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में सबसे अधिक एक्यूआई 280 दर्ज किया गया। इसके अलावा अमृतसर में एक्यूआई 240 रहा, जबकि सर्वाधिक 312 तक पहुंच गया। इसी तरह बठिंडा का एवरेज एक्यूआई 170, जालंधर का 173, खन्ना का 202, लुधियाना का 216, पटियाला का 148 और रूपनगर का 225 दर्ज किया गया।
पराली प्रबंधन की जांच करेगी कमेटी :
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पंजाब में पराली प्रबंधन की जांच करने के लिए केंद्र से टीम आ रही है। 13 नवंबर को यu टीम पंजाब में होगी। यह टीम प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण और कृषि विभाग से बातचीत कर उनके प्रयासों की जांच करेगी। दरअसल, सख्ती के बाद भी पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। पंजाब में पराली जलाने की सबसे अधिक मामले संगरूर में दर्ज किए गए हैं। जहां 887 एफआईआर हुई हैं। वहीं अमृतसर में 633 और तरनतारन में 612 मामले दर्ज किए गए।
नहीं मिलेगी कुदरती राहत भी :
मौसम विभाग की तरफ से भी राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावनाएं नहीं बन रहीं। यही कारण है कि प्रदूषण से और पड़ रही गर्मी से भी राहत मिलती नहीं दिख रही है। पंजाब का न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से 5.8 डिग्री कम है। ऐसे में चिंताजनक पहलू यही है कि प्रदूषण को लेकर हालात और बिगड़ सकते हैं।
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