खुसर-पुसर : लुधियाना वैस्ट के उप चुनाव : अब तो सारी पार्टियों में ‘विभीषण’ हो गए हैं ‘एक्टिव’

man whispers with reproached hand and another listens to him

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

चर्चाओं का बाजार गर्म, विपक्ष में सेंधमारी कर रही कांग्रेस के घर में कहीं ना हो जाए बड़ी सियासी-चोरी

लुधियाना, 11 जून। पुरानी कहावत है कि सियासत में कोई किसी का सगा नहीं होता है। ऐसा ही कुछ इन दिनों लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के के उप चुनाव में देखने को मिल रहा है। यहां भी सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवार दिन-रात इसी बात को लेकर बेचैन है कि कब उनको कौन अपना ‘सगा’ दगा ना दे जाए। ऐसे दिलचस्प हालात में लोग चटखारे लेकर चर्चाएं कर रहे हैं कि कौन, कब अपने खास की पीठ में छूरा भोंकने वाला है।

दूसरों को झटका देने वाले आशु को लग सकता है बड़ा झटका !

इस उप चुनाव में चंद दिन बचे हैं और सभी प्रमुख दल एक-दूसरे के घर में सियासी-सेंधमारी में जुटे हैं। ऐसे में चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेसी उम्मीदवार भारत भूषण के ‘सियासी-घर’ की दीवार में कोई बड़ी सेंधमारी हो सकती है। दरअसल कभी सत्ता के सुनहरे दौर में टीम-आशु के नाम से कांग्रेस के तमाम पहरेदार मुस्तैद नजर आते थे। अब वो ‘नजर’ नहीं आ रहे या सत्ताधारी आम आदमी पार्टी व दूसरे दलों में ‘शिफ्ट’ हो चुके हैं। ऐसे में चर्चा गर्म है कि आशु-खेमे में जल्द ही कोई बड़ी सेंधमारी हो सकती है।

‘संकट’ में तो बादल नहीं नजर आए :

शिरोमणि अकाली दल-बादल के उम्मीदवार सीनियर एडवोकेट परउपकार सिंह घुम्मन भी इस उप चुनाव में खूब चर्चा में हैं। दरअसल उनका प्रचार करने के लिए पार्टी सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल लगातार लुधियाना पहुंच रहे हैं। दूसरी तरफ वोटर ही नहीं, टकसाली अकाली वर्कर भी चर्चा कर रहे हैं कि अगर पार्टी दोफाड़ होने के दौरान सुखबीर इतनी ही मेहनत करते तो शिअद की यह हालत नहीं होती। उन्होंने तो जले पर नमक छिड़कने वाला काम और कर दिया। बीजेपी से शिअद में आकर गए पूर्व मंत्री अनिल जोशी की घर-वापसी कराते हुए उनको ‘छोटा-भाई’ बता दिया। जबकि लुधियाना में आप की सियासी-आंधी के दौरान भी जीते वाले अपने पुराने साथी रहे विधायक मनप्रीत सिंह अयाली को ‘गद्दार’ करा दिया। ऐसे में आहत होकर अयाली ने घुम्मन को भी सलाह दे डाली कि वह सिर्फ अपने चुनाव प्रचार पर फोकस करें।

बिट्‌टू क्यों नहीं बना रहे चुनाव को नाक का सवाल ?

लुधियाना से कांग्रेसी सांसद रहे रवनीत सिंह बिट्‌टू ने पिछला लोकसभा चुनाव बीजेपी से लड़ा था। बेशक वह कांग्रेसी उम्मीदवार राजा वड़िंग से हारे थे, लेकिन बीजेपी का वोट-प्रतिशत पहले के मुकाबले बढ़ गया था। अब बिट्‌टू राज्यसभा सांसद के साथ ही केंद्रीय राज्यमंत्री हैं। लुधियाना वैस्ट के उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जीवन गुप्ता के लिए वह बेशक चुनाव प्रचार कर रहे हैं, लेकिन शहरी ही नहीं भाजपा कार्यकर्ता भी उनके प्रचार के अंदाज पर चर्चाएं कर रहे हैं। उनके मुताबिक आप उम्मीदवार व उनकी पार्टी की लीडरशिप लगातार बड़े रोड-शो और जनसभाएं कर रही है। जबकि आप को हराने के दावे करने वाली बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे बिट्‌टू यहां चंद पदयात्राएं या मीटिंग करने के अलावा पहले जैसा ‘सियासी-जलवा’ क्यों नहीं दिखा पा रहे हैं ? कांग्रेस जब सूबे में विपक्ष में थी, तब भी उनके रोष प्रदर्शन चर्चा में होते थे।

आप की सरकार, उस पर चौतरफा वार :

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा सबसे पहले उम्मीदवार घोषित होने के कारण चुनाव प्रचार की दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वह सत्ताधारी पार्टी से हैं, लिहाजा सभी विपक्षी पार्टियां और आजाद उम्मीदवार उन पर हमलावर हैं। भले ही अरोड़ा राज्यसभा सांसद बनने के बाद से लगातार विकास कामों पर फोकस करते रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी पंजाब में सरकार भी चला रही है। ऐसे में विपक्षी पार्टियां लगातार राज्य सरकार से उसके कार्यकाल का हिसाब भी मांग रही हैं। हालांकि लोग यह भी चर्चा कर रहे हैं कि विपक्षी आप उम्मीदवार की खामियां नहीं पकड़ पा रहे, लिहाजा उनकी सत्ताधारी पार्टी पर हमले कर अपनी लाज बचा रहे हैं।

————

Leave a Comment