चंडीगढ़ में खाकी दागदार, साइबर ठगों को पकड़ने की बजाए उनसे रिश्वत लेने के आरोपी तीन पुलिस मुलाजिम लाइन हाजिर

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साइबर ठगों से 1.90 लाख रुपये लेने का इलजाम, डीजीपी ‘एक्शन-मोड’ पर, डीएसपी कर रहे जांच

चंडीगढ़, 9 अगस्त। इंसाफ की खातिर बड़ी आस लेकर पीड़ित पुलिस के पास जाते हैं। जबकि चंडीगढ़ पुलिस के तीन मुलाजिमों ने खाकी को दागदार करने के साथ लोगों का भरोसा भी तोड़ने वाली शर्मनाक करतूत कर डाली। उन पर साइबर ठगों से लाखों की रिश्वत लेने का इलजाम लगा है।

जानकारी के मुताबिक आरोपी कॉन्स्टेबल सतीश कुमार, कॉन्स्टेबल विश्वजीत सिंह और होमगार्ड जवान दिलीप नेगी हैं। जिनको लाइन हाजिर कर दिया गया। मामले की जांच डीएसपी कर रहे हैं। अगर इनके खिलाफ और सबूत मिले तो आगे कड़ी कार्रवाई होगी। आरोप है कि इन तीनों मुलाजिमों ने साइबर ठगों को पकड़ने के बजाए उनसे मिलकर 1.90 लाख रुपये गूगल-पे के जरिए ट्रांसफर करा लिए। लेनदेन में इनकी सीधी भूमिका थी।

बताते हैं कि तीनों पुलिसकर्मी पहले थानों में बनने वाली एसआईटी के सदस्य रहे हैं। थाना मनीमाजरा का चार्ज संभालने के बाद इंस्पेक्टर मनिंदर सिंह ने पुरानी एसआईटी भंग कर दी थी। इसके बावजूद ये सदस्य पहले की तरह काम करते रहे। इसी दौरान उन्होंने एक केस पकड़ा और साइब ठगों को छोड़ने के बदले पैसे ले लिए। इस मामले में इनकी थाना प्रभारी से कहासुनी भी हुई थी।

यहां बता दें कि चंडीगढ़ में पहले डीजीपी रहे सुरेंद्र यादव को आज भी इसलिए याद किया जाता है, क्योंकि वे किसी भी शिकायत पर कार्रवाई जरूर करते थे। उनके ट्रांसफर के बाद यह सख्ती कम हो गई थी। अब नए डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा के आने के बाद फिर से वही सख्त रवैया देखने को मिल रहा है।

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