नई दिल्ली 24 सितम्बर : कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनी X Corp (पूर्व में Twitter) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारत सरकार द्वारा “सहयोग पोर्टल” के माध्यम से कंटेंट हटाने (takedown) के आदेशों को चुनौती दी थी। X Corp का तर्क था कि इस प्रक्रिया में आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया को ‘विवादित स्वतंत्रता’ की स्थिति में नहीं छोड़ा जा सकता । न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने कहा कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार भारत में पूर्ण नहीं है और यह संविधान की धारा 19(2) के तहत उचित सीमाओं में बंधा हुआ है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अमेरिका की तरह भारत में कानून नहीं चल सकते और यहां की संवैधानिक व्यवस्था अलग है।
अदालत ने जोर दिया कि ऑनलाइन माध्यमों को भी उसी तरह नियमन की आवश्यकता है जैसे पारंपरिक संचार के साधनों को। यह फैसला देश में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही और नियंत्रण को लेकर एक अहम दिशा तय करता है।
