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पंजाब सरकार व डाइंग इंडस्ट्री खिलाफ काला पानी मोर्चा ने किया ऐलान, 1 जनवरी से 13 अप्रैल तक राज्य में निकलेगी वहिण यात्रा, लक्खा – अगर डाइंग का पानी इतना साफ, तो 30 दिन पीकर दिखाएं कारोबारी

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लक्खा बोले पानी में जहर घोल हमारे बच्चों को मारने वालों की चिक्का मरवा दवागें

(राजदीप सिंह सैनी)
लुधियाना 12 दिसंबर। बुड्‌ढा नाला में फैल रही गंदगी को लेकर काला पानी मोर्चा द्वारा लगातार संघर्ष किया जा रहा है। मोर्चे द्वारा तीन दिसंबर को किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार द्वारा सात दिन में डाइंग यूनिटों पर एक्शन लेने का आश्वासन दिया था। लेकिन 10 दिन बाद भी सरकार अपनी ही कही बात पर खरी न उतरी तो मोर्चे के सदस्यों द्वारा प्रैस कांफ्रेस कर अपनी अगली रणनीति की जानकारी सांझी की। इस दौरान काला पानी मोर्चा के लक्खा सिधाना, अमितोज मान, कपिल देव अरोड़ा, जसकीरत सिंह समेत अन्य सदस्य मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई किसी इंडस्ट्री खिलाफ नहीं है, बल्कि पंजाब के पानी को बचाने की है। उन्होंने कहा कि उन्हें सात दिन का समय देकर सरकार और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा खुद डाइंग इंडस्ट्री के साथ सेटिंग कर ली गई। जबकि अब वह पंजाब के पानी और होंद को बचाने के लिए एक जनवरी 2025 से पूरे पंजाब में वहिण यात्रा निकालेगें। यह यात्रा 13 अप्रैल को विसाखी वाले दिन श्री आनंदपुर साहिब जाकर संपन्न होगी। इस यात्रा के दौरान सरकारें बनाने वाली जनता को काले पानी के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की जाएगी। उन्हें इस संघर्ष में साथ देने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि डाइंग इंडस्ट्री यह न सोचे कि यहां से छोड़कर दूसरे शहर जाकर कारोबार कर लेंगे। वह पूरे पंजाब में पानी गंदा करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं। डाइंग के बाद इलेक्ट्रोप्लेटिंग और डेयरियों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।

एडीसी ने झूठ बोलकर खत्म कराया प्रदर्शन
इस दौरान जसकीरत सिंह ने कहा कि तीन दिसंबर को काला पानी मोर्चा द्वारा शांतिमय विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान सरकार की तरफ से एडीसी धरने में पहुंचे। जिन्होंने कहा कि वह दो दिन में बहादुरके रोड व सात दिन में ताजपुर रोड व फोकल प्वाइंट सीईटीपी बंद कर देंगे। लेकिन 10 दिन बीतने पर भी कोई एक्शन नहीं हुआ। इस बीच चार दिसंबर को डीसी ने उन्हें पत्र लिखा और कहा कि वह सीईटीपी बंद करने संबंधी लीगल राय लेंगे और अगर प्लांट इललीगल घोषित होते हैं तो सात दिन के अंदर अंदर बंद कर दिए जाएंगे। लेकिन ऐसे कुछ नहीं हुआ।

पीपीसीबी ने अंदरखाते डाइंग से दोस्ती निभाने में लगा
लक्खा सिधाना ने कहा कि एक तरफ तो सरकार व पीपीसीबी की और से उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन दे दिया। जबकि दूसरी तरफ पांच दिसंबर को लुधियाना पीपीसीबी चीफ रतड़ा की और से बहादुरके रोड डाइंग इंडस्ट्री को एक पत्र लिखा गया। जिसमें कहा कि जैसे ताजपुर रोड और फोकल प्वाइंट की सीईटीपी प्लांट से जुड़ी इंडस्ट्री द्वारा एनजीटी से स्टे लिया गया है, वैसे ही आप वहां जाकर स्टे ले लीजिए। फिर हर शांत रहेगें। लक्खा ने कहा कि अंदरखाते तो पीपीसीवी व सरकार अपनी दोस्ती निभाने में लगी है। लोगों को सिर्फ दिखावा किया जा रहा है।

एनजीटी ने लगाई फटकार, इतिहास में पहली बार बदली तारीख
लक्खा ने कहा कि एनजीटी ने पहले पीपीसीबी को आदेश दिए थे कि 20 मार्च 2025 तक तीनों सीईटीपी प्लांट पर की कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की जाए। लेकिन डाइंग इंडस्ट्री, पीपीसीबी व जिला प्रशासन द्वारा उक्त आदेशों को मैनिपुलेट करके यह कहने लगे कि उन्हें 20 मार्च तक स्टे मिला है। उक्त मामले में एनजीटी की कोर्ट में तारीख थी। जहां पर कारोबारियों ने स्टे दिखाए। लेकिन काला पानी मोर्चा द्वारा वहां पर अदालत को बताया कि कैसे उनके आदेशों को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है। सिधाना ने कहा कि एनजीटी ने बोर्ड को फटकार लगाई और इतिहास में पहली बार हुआ कि अदालत द्वारा अपनी ही तारीख बदलकर 23 दिसंबर 2024 तक कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा।

विधायक गुरप्रीत गोगी सिर्फ कर रहे ड्रामेबाजी
वहीं मोर्चे के सदस्यों ने कहा कि विधायक गुरप्रीत गोगी ने जो नींव पत्थर तोड़ा, वह सिर्फ ड्रामाबाजी कर रहे हैं। उनकी ड्यूटी थी कि वह विधानसभा में जाकर काले पानी का मुद्दा उठाते। लेकिन वहां तो बोल नहीं पाए, यहां पत्थर तोड़कर लोगों से वाहवाही लूटने लगे हुए हैं।

पानी इतना ही साफ तो 30 दिन पीकर दिखाएं कारोबारी
लक्खा ने कहा कि कारोबारी उन्हें ब्लैकमेलर कहते हैं, लेकिन वह साबित करें कि उन्हें कभी एक रुपया भी लिया हो। उन्होंने कहा कि कारोबारी जनता के अलावा खुद और अपने परिवार के साथ धोखा कर रहे हैं। यहीं पानी वह पीते हैं। अगर वह सीईटीपी का पानी इतना ही साफ बताते हैं तो वह सामने आकर उनके साथ बैठ जाए और बातचीत करें। फिर 30 दिन तक अपने ही प्लांटों का पानी पीकर दिखाएं।

ईरीगेशन के लिए नहीं इस्तेमाल हो सकता पानी
इस दौरान कपिल देव अरोड़ा ने कहा कि यह पानी सीधे ईरीगेशन के लिए इस्तेमाल हो ही नहीं सकता। इस पानी में इतने रंग व केमिकल हैं, कि यह कभी साफ नहीं हो सकता। कारोबारी झूठ बोलते हैं कि इस पानी को खेतीबाड़ी में इस्तेमाल किया जा सकता है। जबकि इस पानी को पहले पूरी तरह साफ करके फिर सही पानी बीच मिलाकर ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।

जीवन नहीं रहेगा तो व्यापार किस लिए करना
इस दौरान लक्खा सिधाना ने कहा कि सरकारें व कारोबारी बोल रहे हैं कि अर्थ व्यवस्था के लिए व्यापार जरुरी है। लेकिन उन्हें बता दें कि अगर जीवन रहेगा तो ही व्यापार किया जा सकेगा। लेकिन जिस तरीके से डाइंग इंडस्ट्री पानी को जहरीला बना रही है, आने वाले पांच साल में न तो जीवन रहेगा और न ही फिर पैसा किसी काम आ सकेगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा दोषी पीपीसीबी का जिला चीफ है, जो मिसलीड कर रहा है। वे बोले कि प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन आदर्शपाल विग एक पास पर्यावरण प्रेमी है, दूसरी तरफ ऐसी चीजों को बढ़ावा दे रहे हैं।

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