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हरियाणा : विस चुनाव के बाद कैथल जिला परिषद के चेयरमैन दीपक मलिक को हटाया

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भाजपा कौंसलर लाए अविश्वास प्रस्ताव, समर्थन में ज्यादा वोट पड़े, जजपा को लगा झटका

कैथल 14 अक्टूबर। हरियाणा में विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद जननायक जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा। दरअसल कैथल जिला परिषद के चेयरमैन दीपक मलिक को हटा दिया गया। उनके खिलाफ करीब ती महीने पहले बीजेपी के कौंसलरों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। आज उस प्रस्ताव की वोटिंग का रिजल्ट डिप्टी कमिश्नर विवेक भारती की ओर से जारी किया गया।

इस रिजल्ट के अनुसार कुल 21 कौंसलरों में से 17 ने वोटिंग में हिस्सा लिया था। इन सभी 17 कौंसलरों ने चेयरमैन के खिलाफ वोटिंग की थी। वहीं, चेयरमैन समेत तीन कौंसलर इस वोटिंग में शामिल नहीं हुए थे। इसके अलावा एक पार्षद को भ्रष्टाचार मामले में सस्पेंड किया गया था, जिससे वह वोट नहीं कर पाए। गौरतलब है कि चेयरमैन इस मामले को कोर्ट में ले गए थे, जहां अविश्वास प्रस्ताव के  रिजल्ट पर स्टे लगा दिया गया था। सोमवार को जिला सभागार में उस अविश्वास प्रस्ताव का रिजल्ट घोषित कर दिया गया।

जिला परिषद के चेयरमैन दीपक मलिक जजपा समर्थित थे। लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले भाजपा और जजपा का हरियाणा सरकार में गठबंधन टूटने के बाद से कैथल में भाजपा समर्थित सभी कौंसलर, चेयरमैन को हटाने में लगे हुए थे। लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे हटाने की रणनीति बनी। जिसके चलते 12 जुलाई को भाजपा समर्थित 15 कौंसलरों ने तत्कालीन डीसी प्रशांत पंवार को अविश्वास का शपथपत्र दिया था।

इसके बाद डीसी ने सभी कौंसलरों और चेयरमैन को वोटिंग के लिए नोटिस भेजे थे। हालांकि, जैसे ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की जानकारी चेयरमैन को हुई, वह कोर्ट पहुंच गए थे। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए वोटिंग के रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी। हालांकि, कोर्ट ने वोटिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। तब चेयरमैन दीपक मलिक ने अविश्वास प्रस्ताव को संवैधानिक बता कोर्ट को इसकी खामियां बताईं थीं। उनका कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं हुआ।

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