बस यादें बाकी : लुधियाना के नामचीन शिक्षाविद प्रिंसिपल हरीश चंद गुप्ता नहीं रहे

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अंग्रेजी में महारथ रखने वाले गुप्ता मानते थे, शिक्षा का असली उद्देश्य खाली दिमाग को खुले दिमाग से बदलना

लुधियाना, 30 मार्च। आहत करने वाली खबर सामने आई है कि महानगर ने ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाली एक नामी हस्ती को खो दिया। शिक्षा के क्षेत्र में दूरदर्शी और सीखने के प्रति गहरी लगन रखने वाले प्रिंसिपल हरीश चंद्र गुप्ता का 29 मार्च को निधन हो गया।

एक दिसंबर, 1939 को जन्मे भूतपूर्व प्रिंसिपल गुप्ता ने महानगर में ही साल 1959 में एसडीपी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से अपना करियर शुरू किया था। बाद में लॉर्ड डिवाइन इंटरनेशनल स्कूल, गोबिंदगढ़ पब्लिक स्कूल, न्यू सीनियर सेकेंडरी स्कूल और हाल ही में डीडी जैन ग्रुप ऑफ स्कूल्स एंड कॉलेज सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में योगदान दिया। उनके परिवार में बेटा रशिम जिंदल, बहू शक्ति जिंदल, पोता डॉ. दिव्यम जिंदल और तीन बेटियां हैं।

उनकी स्थायी विरासत अंग्रेजी भाषा और व्याकरण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता में निहित है। जिसने अनगिनत छात्रों के दिमाग को दिशा देने और आकार देने में मदद की, जिससे उनके भविष्य पर एक स्थायी प्रभाव पड़ा। उन्होंने अंग्रेजी व्याकरण पर कई किताबें लिखीं, जिसमें लर्निंग ऑफ इंग्लिश, द स्पीकिंग ट्री और 5 स्टोरीज ऑफ द सेक्रेड सिंबल जैसे विषयों पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की गई। अपने पूरे करियर के दौरान, उन्हें कई लाइफ-टाइम बेस्ट टीचर और अचीवमेंट अवार्ड मिले। समय की पाबंदी में दृढ़ विश्वास रखने वाले प्रतिभा के धनी गुरु गुप्ता मानते ​​थे कि शिक्षा का असली उद्देश्य खाली दिमाग को खुले दिमाग से बदलना है।वह यह भी मानते थे कि एक महान शिक्षक का प्रभाव कक्षा में बिताए गए वर्षों से नहीं, बल्कि उनके द्वारा छुए गए जीवन और उनके द्वारा प्रेरित किए गए दिमाग से मापा जाता है। प्रिंसिपल हरीश चंद्र गुप्ता ने अपने पूरे जीवन में छात्रों की तीन पीढ़ियों को वास्तव में प्रेरित किया। करीब 85 वर्ष की आयु में अपनी अंतिम सांस तक अथक परिश्रम करते हुए उन्होंने दिखाया कि जुनून और समर्पण की कोई उम्र सीमा नहीं होती। उनकी विरासत आने वाले वर्षों में शिक्षकों और छात्रों को प्रेरित करती रहेगी, क्योंकि उन्होंने दिखाया कि ‘उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथै’ यानि काम में सफलता प्रयास से मिलती है, ना कि केवल इच्छाधारी सोच से।

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