सेतिया अब खट्टर से मिले, विज के पैर छुए, मंच से कह चुके-सैनी बढ़िया सीएम, कांडा-बंधु की टेंशन बढ़ा रहे
राम धीमान
चंडीगढ़ 2 दिसंबर। हरियाणा में सिरसा तो अरसे से सुर्खियों में रहा है। यहां डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की बात करें, चाहें कांडा-बंधु की, दोनों ही राजनीतिक हल्कों में भी चर्चा का विषय रहे हैं। सूबे के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को पिछले विधानसभा चुनाव में हराने के बाद अब यहां से विधायक कांग्रेस के गोकुल सेतिया हैं। विस चुनाव के दौरान सेतिया और कांडा के बीच टकराव के चलते सिरसा में कई दिन माहौल तनावपूर्ण भी रहा था। कांडा की तरह ही राजनीतिक-महत्वकांक्षा रखने वाले कांग्रेसी विधायक सेतिया की इन दिनों भाजपा से नजदीकियां बढ़ रही हैं। बीजेपी से ही पाला बदल कर कांग्रेस में आए सेतिया कोई बड़ा ‘राजनीतिक-कांड’ तो नहीं कर देंगे, शायद यही सोचकर ऐसे कांडा-बंधु यानि गोपाल कांडा और गोबिंद कांडा की चिंता बढ़ गई है, ऐसा सियासी-जानकारों का मानना है।
ऐसे बढ़ी सेतिया की बीजेपी से नजदीकियां :
दरअसल इसकी शुरुआत कुछ दिनों पहले 21 नवंबर को सिरसा में मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन कार्यक्रम से हुई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सैनी पहुंचे थे। उन्होंने प्रोटोकॉल के हिसाब से नe केवल कांग्रेसr विधायक को तवज्जो दी, बल्कि स्वागत के लिए आए गोकुल सेतिया के लिए काफिला रुकवाकर उनका हालचाल भी पूछा। इससे विधायक सेतिया भी गदगद नजर आए। उन्होंने मंच से ही मुख्यमंत्री नायब सैनी की तारीफ कर डाली थी। इसके बाद 29 नवंबर को सेतिया ने सिरसा में कष्ट निवारण समिति की मीटिंग लेने पहुंचे मंत्री अनिल विज के पैर छुए। वह विज की ही गाड़ी में बैठकर भी गए। वहीं गुरुग्राम में एक शादी समारोह में गोकुल सेतिया ने पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के भी पैर छुए। सेतिया ने खुद ही ये तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर भी कर दी थीं।
कांडा को हार के बाद दूसरा झटका :
सेतिया की भाजपा से बढ़ती नजदीकियां जाहिर तौर पर कांडा ब्रद्रस, खासकर गोपाल कांडा की चिंता बढ़ाएगी। दरअसल सिरसा उनका गढ़ है, लेकिन इस बार गोपाल कांडा को गोकुल सेतिया ने ही चुनाव में पटखनी दी थी। अब सेतिया को बीजेपी में अहमियत मिली तो उनके राजनीतिक भविष्य के लिए बड़ा खतरा पैदा होने की आशंका है। वहीं सियासत में माहिर होते जा रहे सेतिया ने बीजेपी से होते ‘मधुर-संबंधों’ पर भावनात्मक-तर्क देकर मामले को टाल दिया। बकौल, सेतिया, खट्टर-विज या सैनी, सभी उनसे बड़े हैं, लिहाजा उनका सम्मान करने और अच्छे काम की तारीफ करने के राजनीतिक-अर्थ नहीं निकालने चाहिएं।
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