चरणजीत सिंह चन्न
जगरांव 17 नवंबर। क्रांतिकारी केंद्र पंजाब, भारतीय किसान यूनियन एकता डकौदा, ग्रामीण मजदूर यूनियन (मशाल) ने श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाशोत्सव पर विशेष समागम कराया। इस दौरान गदर आंदोलन के महान शहीद करतार सिंह सराभा और उनके साथियों की स्मृति में व्याख्यान कराया गया।
शहीद नछत्तर सिंह यादगारी हाल में पहले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी याद में नारे लगाए गए। सबसे पहले क्रांतिकारी कविशरी जत्था रसूलपुर के कलाकार रूपिंदर और राजिंदर ने शहीदों को समर्पित कविशरी प्रस्तुत कर क्रांतिकारी चेतना का संचार किया। कंवलजीत खन्ना ने शहीद करतार सिंह सराभा और उनके साथियों के बलिदान और जीवन उद्देश्य पर प्रकाश डाला। प्रख्यात वकील हरप्रीत जीरख ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए तीन आपराधिक कानूनों के जनविरोधी पहलू के खिलाफ बहस करते हुए कहा कि इन कानूनों की विभिन्न धाराएं वास्तव में जनता के विरोध को कुचलने के लिए हैं। उन वर्गों के नाम बदलकर वास्तव में सरकार के दमनकारी दांत तेज़ कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि अगस्त, 2023 में लोकसभा में विपक्ष के बिना पारित किए इन कानूनों के माध्यम से अधिकारों के लिए संघर्ष को भी आतंकवादी कृत्य करार दिया गया।
अगले सत्र में प्रख्यात तर्कवादी सुरजीत दोधर ने बाबा नानक के दर्शन की मूल शिक्षाओं का उल्लेख किया। प्रथम अंक में प्रसिद्ध कलाकार जसवन्त सिंह द्वारा बाबा नानक के लंबे रास्ते वाले पैरों वाले पहले नंबर पर आए चित्र का संदर्भ देते हुए कहा के बाबा नानक असल में कीर्ति थे। वे सत्य के विद्वान थे। इस समय प्रख्यात लेखक एवं आलोचक एचएस डिम्पल ने दोनों भाषणों का प्रचार कर आयोजन की सफलता का प्रचार किया।
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