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बहुत देर कर दी मेहरबां आते आते: सुखबीर बादल ने छोड़ी शिअद की प्रधानगी

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विधायक अय्याली ने प्रधानगी छोड़ने की दूर अंदेशी दी थी सलाह, बहुत देरी और नुकसान के बाद किया अमल

लुधियाना 16 नवंबर। शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की और से प्रधानगी पद से इस्तीफा दे दिया गया है। हालांकि उनके इस इस्तीफे के बाद पंजाब की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। वहीं लोगों में चर्चा है कि सुखबीर बादल की और से बेशक इस्तीफा तो दे दिया गया, लेकिन इस एक्शन में उन्होंने काफी देर लगा दी। क्योंकि लगातार पार्टी के नेताओं द्वारा प्रधान बदलने की मांग की जा रही थी। हालांकि मांग पूरी न होने के चलते कई सीनियर नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ दी गई और विरोधी दल बना लिया गया। जबकि कई नेता सुखबीर के हक में डटे रहे। चर्चा यह भी है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। लेकिन अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा छिड़ी हुई है कि आखिर पार्टी प्रधान किसे लगाया जाएगा।

3 महीने पहले किया था तनखैया करार
करीब 3 महीने पहले सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को डीजीपी नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था कि अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा।

विधायक मनप्रीत अयाली ने पार्टी से बनाई दूरी
करीब पांच महीने पहले अकाली दल से मालवा के इकलौते विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने भी पार्टी से दूरी बनाने का फैसला किया था। दरअसल, लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद शिरोमणि अकाली दल में हड़कंप मचा गया था। अयाली ने साफ किया था कि वह अब पार्टी की गतिविधियों से दूर रहेंगे। उन्होंने मांग रखी थी कि झूंदा कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू किया जाए। रिपोर्ट लागू न होने पर वह पार्टी की किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेंगे। हालांकि पहले अयाली को लोकसभा उम्मीदवार घोषित करने की चर्चा थी। लेकिन बाद में रणजीत सिंह ढिल्लों को चुनाव लड़ाया गया।

अकाली दल सुधार लहर की हुई थी शुरुआत
शिरोमणि अकाली दल अपने इतिहास में सबसे गंभीर बगावत का सामना कर रहा है। जहां पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित पार्टी नेताओं का एक वर्ग बादल से पद छोड़ने की मांग कर रहा था। लेकिन मांग पूरी न होने पर विद्रोही अकाली नेताओं ने शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर की शुरुआत की थी। जिसका उद्देश्य 103 साल पुराने संगठन को ‘मजबूत और उन्नत’ बनाना था।

सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी
इस्तीफे की जानकारी पार्टी के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने दी। उन्होंने इसको लेकर सोशल मीडिया (एक्स) पर पोस्ट डाली। उन्होंने पोस्ट में लिखा- शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया, ताकि नए अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने उन्होंने अपने नेतृत्व के दौरान समर्थन और सहयोग के लिए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।

यह इस्तीफा गेम प्लान का हिस्सा
बीजेपी नेता सुनील मेहरा का कहना है कि यह अकाली दल का गेम प्लान है। यह इस्तीफा उसी प्लान का ही हिस्सा है। यह इस्तीफा कार्यकारी कमेटी को दिया गया है। कल को कमेटी इसे मंजूर ही नहीं करेगी तो क्या होगा।

अभी कुछ नहीं कहा जा सकता
वहीं शिअद के सीनियर नेता और एडवोकेट हरीश राय ढांडा ने कहा कि अभी इस मामले में कुछ भी कहा नहीं जा सकता। अभी पता नहीं है कि आखिर सुखबीर बादल द्वारा इस्तीफा किस कारण से दिया है।

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