दो सगी बहनों को टक्कर मारी थी, एक की मौत हुई, दूसरी गंभीर, पंजाब के तहसीलदार का आरोपी बेटा अरेस्ट
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परिजनों के हंगामा पर बुड़ैल पुलिस चौकी इंचार्ज को हटाया, बड़ा सवाल-तमाम चालान के बाद एक्शन क्यों नहीं लिया
चंडीगढ़, 17 अक्टूबर। आमतौर पर चंडीगढ़ पुलिस की इमेज ट्रैफिक रुल्स तोड़ने के मामले में बेहद सख्त रही है। इसके बावजूद सैक्टर-45 में देव समाज कॉलेज के सामने बुधवार दोपहर हुए दर्दनाक हादसे ने उसकी इमेज पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया।
जानकारी के मुताबिक उस दिन दो सगी बहनों को टक्कर मारकर लाल रंग की थार का चालक फरार हो गया था। इनमें से एक युवती की मौत हो गई थी, जबकि दूसरी अब भभी गंभीर बता रहे हैं। इसी बीच कल एक शख्स ने सैक्टर-34 थाने पहुंचकर खुद को थार का चालक बताया। जबकि मृतक युवती सजोफ (22) के परिजनों ने उसे आरोपी मानने से इन्कार कर दिया। वह असली आरोपी की गिरफ्तारी ना होने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने पर अड़ गए।
बुड़ैल चौकी इंचार्ज की भूमिका संदिग्ध :
बुड़ैल चौकी प्रभारी गुरजीवन सिंह के मुताबिक थाने पहुंचे शख्स ने दावा किया कि हादसे के वक्त वही गाड़ी चला रहा था। पुलिस सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से इसकी जांच कर रही है, हालांकि कैमरे में चेहरा साफ कैद नहीं हो रहा है। वहीं, परिजनों का कहना था कि यह असली चालक नहीं है। थाने पहुंचे व्यक्ति ने पगड़ी पहनी हुई थी, जबकि सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार थार चालक ने पगड़ी नहीं पहनी थी। उसके पिता पंजाब में ही तहसीलदार हैं। मामला तूल पकड़ते देख पुलिस ने जब्त कर ली थी।
बिगड़ैल रईसजादे पर क्यों मेहरबान रही पुलिस :
बताते हैं कि हादसे में शामिल थार के पहले से ही डेंजर ड्राइविंग के 14 चालान कटे हुए हैं। पुलिस ने मौके की नजाकत समझते हुए बुड़ैल चौकी इंचार्ज का तबादला कर दिया। फिर आरोपी नेरोशप्रीत सिंह को अरेस्ट किया, जो पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है। उसके पिता पंजाब में तहसीलदार हैं। चर्चा है कि आरोपी को जमानती धारा में गिरफ्तार किया गया।
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