क्या राहुल गांधी को बिहार में सत्ता की बू आ रही है कि उन्होंने बाढ़ प्रभावित पंजाब का दौरा नहीं किया?

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चंडीगढ़,,,  14 सितंबर। पंजाब में विनाशकारी बाढ़ के कहर के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रभावित इलाकों का तुरंत दौरा नहीं किया। ऐसा ना करने के लिए वह विपक्षी दलों ही नहीं कांग्रेसियों की भी आलोचना का शिकार हो रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से राज्य में पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी तंज कसा था कि इतिहास गवाह है, जब भी देश में कोई आपदा या विपत्ति आती है, राहुल गांधी विदेश दौरे पर चले जाते हैं। इस समय भी यही स्थिति है। पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ है और राहुल गांधी विदेश में बैठे हैं। सैनी, जिन्होंने दावा किया था कि उन्होंने बाढ़ के कारण अपनी विदेश यात्रा रद कर दी थी। उन्होंने अपने इस कदम की तुलना लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अनुपस्थिति से की थी। जिससे कांग्रेस नेतृत्व पर राजनीतिक दबाव और बढ़ गया।
अब सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी बिहार चुनावों में एक अवसर देख रहे हैं। उन्हें वहां सत्ता मिलती नजर आ रही है कि उन्होंने पंजाब का दौरा नहीं किया। यह एक संभावना हो सकती है, लेकिन कौन जाने ? ऐसे समय में पंजाब में डूबे हुए घरों, विस्थापित परिवारों और ज़रूरत से ज़्यादा बोझ तले दबी बचाव टीमों की तस्वीरें खबरों में छाई हुई हैं। तब राहुल की अनुपस्थिति ने राजनीतिक विमर्श में एक शून्य पैदा कर दिया है। हालाँकि कांग्रेसी सूत्रों ने पीएम मोदी के दौरे से पहले दावा किया था कि योजना बनाई जा रही है और राहुल गांधी जल्द ही सुल्तानपुर लोधी या अजनाला जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं। लिहाजा इस देरी ने पहले ही एक धारणा को जन्म दे दिया।
कांग्रेस ने अपनी आंतरिक बैठकें रद कर दीं और राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर दिया। फिर भी यह सवाल बना है कि उसके शीर्ष नेता ने अभी तक सीधे तौर पर सार्वजनिक हस्तक्षेप क्यों नहीं किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का दावा है कि पार्टी ने गांधी के निर्देशों पर काम करते हुए अपने कार्यकर्ताओं को 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए जुटाया है। इन प्रयासों के समन्वय के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जा रहा है।
वहीं पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने जिला इकाइयों से राहत कार्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। पुनर्वास प्रयासों को पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता मानने के गांधी के आह्वान को दोहराया। हालांकि, राहुल गांधी की एक व्यापक यात्रा के प्रतीकात्मक और रणनीतिक महत्व के बिना यह संदेश अपनी गति खोता हुआ प्रतीत होता है। राहुल ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक संदेश जारी किया, जिसमें कहा गया था, बाढ़ से हुई जनहानि और व्यापक तबाही बेहद दुखद और पीड़ादायक है। हालाँकि यह भावना पार्टी कार्यकर्ताओं में गूंजी, लेकिन इसने इस धारणा को कम करने में कोई मदद नहीं की कि राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण में गांधी अनुपस्थित हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का तर्क है कि यह अनुपस्थिति भाजपा और आप सहित प्रतिद्वंद्वी दलों को उनके नेतृत्व और पंजाब के लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने का मौका देती है।

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