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आईपीएस ऑफिसर ने की डॉक्टर के साथ बदतमीजी, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

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दिल्ली/यूटर्न/26 नवंबर: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से एक वीडियो सामने आ रहा है, जिसमें एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। यह घटना रविवार रात की है, जब एक मरीज स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में भर्ती की गई और उसके पति ने इलाज के दौरान रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बदसलूकी की। बता दें कि ये व्यक्ति पेशे से आईपीएस अधिकारी हैं। इस मामले के सामने आने के बाद से रेजिडेंट डॉक्टरों में गुस्सा है। घटना का एक सीसीटीवी वीडियो तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो गया है।
कब हुई घटना?
वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने जानकारी दी है कि सर्जरी पोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंट को ड्यूटी के दौरान बदसलूकी और धमकियों का सामना करना पड़ा। आरडीए के अध्यक्ष भरणी कुमार ने कहा कि यह घटना 24 नवंबर की रात को हुई, जब ड्यूटी पर मौजूद रेजिडेंट डॉक्टर न्यू एसआईसी बिल्डिंग में जनरल सर्जरी रेफरेंस कॉल पर एक मरीज को देख रहे थे। भरानी ने कहा कि उस मरीज का नाम अनीता रॉय है, जिनको एसआईसी बिल्डिंग की सातवीं मंजिल पर भर्ती कराया गया था। अनीता के साथ उनके पति बृजेंद्र कुमार यादव भी थे, जो पेशे से आईपीएस अधिकारी हैं। जब रेजिडेंट डॉक्टर ने मरीज से उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछा, तो मरीज ने कथित तौर पर ठीक से जवाब नहीं दिया और बुरा व्यवहार किया। उसके बाद, उसके पति ने भी बहुत अभद्र व्यवहार किया और डॉक्टर का अपमान किया। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यादव के गुस्से का कारण क्या था।
कब मिली जानकारी?
इस घटना की खबर सोमवार को सुबह 3 बजे से 6 बजे के बीच अस्पताल के बाकी डॉक्टरों तक पहुंची। उसके बाद, रेजिडेंट डॉक्टरों ने लगभग 2 घंटे तक आपातकालीन वार्ड में काम करना बंद कर दिया। हालांकि बाद में सभी रेजिडेंट डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर चले गए। सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस मामले पर एक पत्र लिखकर अस्पताल प्रशासन और अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। पत्र में लिखा गया है कि मरीज के अटेंडेंट के तौर पर आईपीएस अधिकारी बिजेंद्र कुमार यादव को रेजिडेंट डॉक्टर के साथ किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए। रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग है कि वह इस घटना की जिंमेदारी लें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकें। सफदरजंग रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और जिस रेजिडेंट डॉक्टर के साथ यह घटना हुई, उन्हें फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन का समर्थन मिला है। एक पत्र जारी कर कहा गया है कि हम हर मरीज के साथ समान व्यवहार करते हैं। फिर हर मरीज मरीज की तरह व्यवहार क्यों नहीं कर सकता? आईएमए का कहना है कि वह सरकारी अस्पतालों में बढ़ते वीआईपी कल्चर की कड़ी निंदा करता है। अगर दिल्ली में ऐसा हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है।
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