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राजेश कुमार/ रेशम सिंह बाछल
अम्बाला सिटी, 2 नवंबर। समाजसेवी विकास अग्रवाल ने कुछ साल पहले मरणोपरांत अपनी आंखें दान करने के लिए सरकार को प्रार्थना पत्र दिया था। अब मरणोपरांत अपना पूरा शरीर दान देने के लिए सरकार को प्रार्थना पत्र दिया।
विकास के अनुसार राधा स्वामी सत्संग ब्यास से प्रेरित होकर उन्होंने यह निर्णय लिया है। अक्सर मैं वहां के प्रवचन सुनता हूं तो लगता है कि मरने के बाद अपने शरीर को आग के हवाले करने से अच्छा है किसी के काम आ जाए। तभी विचार करने के बाद यह निर्णय लिया कि अपना पूरा शरीर मरणोपरांत सरकार को दान स्वरूप दूं। मैं लोगों से भी अपील करता हूं कि वह आगे आएं और अपनी आंखें या अपने शरीर को दान के रूप में दें। ताकि जिसको हमारे शरीर के किसी अंग की जरूरत हो, वो पूरी हो सके।
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