चण्डीगढ़, 6 अगस्त –
हरियाणा के श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा है, “मैं श्रम विभाग की कार्य व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने के साथ-साथ पारदर्शिता अपनाते हुए श्रमिकों के उत्थान के लिए अभिनव कार्यप्रणालियों को लागू करना चाहता हूं, ताकि केन्द्र व राज्य सरकारों की स्कीमों का लाभ वास्तविक लाभार्थियों को मिल सके।”
श्री विज आज चंडीगढ़ में श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर श्रम विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव रंजन भी उपस्थित थे।
श्रम मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा जल्द ही खण्ड स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे, जहां श्रमिक अपना पंजीकरण करवा सकेंगे और विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रमिकों की कार्य क्षमता बढ़ाने हेतु तीन से छह महीने की अवधि वाले कैप्सूल/शॉर्ट कोर्स संचालित किए जाएं, ताकि उनकी आजीविका पर प्रभाव न पड़े। इन कोर्सेज का सर्टिफिकेशन भी होना चाहिए।
श्री विज ने कहा, “मैं चाहता हूं कि श्रमिकों का कौशल विकास हो ताकि उनका जीवन स्तर ऊपर उठ सके।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाया जाए, और इसमें श्रमिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
श्रम मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि राज्य के प्रत्येक उद्योग क्षेत्र में कुशल श्रमिक होने चाहिए। आज तकनीक के युग में तकनीकी कोर्सों के माध्यम से श्रमिक अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।